इस् चराचर जगत में अगर कोई सच है ओर जिवंत सच्चाई है तो वो है एक् सदगुरु | क्युकी इश्वर का अस्तित्व है सब जानते है मगर इश्वर कैसा है कहा है इन सब के बारे में आध्यात्मिक गुढ़ जानकारी प्रदान करता है सदगुरु | गुरु का महत्व हमारे जीवन में इसलिए भी ओर बढ़ जाता है क्युकी हमारा जीवन शुन्य से शुरू होता है ओर पूर्णता तक का सफर सफलता पूर्वक पूरा करने के लिए एक् ऐसे व्यक्ति की जरुरत रहती है जों इस् शुन्य को अपने ज्ञान के प्रकाश से भरकर जीवन की सत्यता से ओर मृत्यु के रहस्य की जानकारी प्रदान करे ओर जीवन की आवश्यकता ओर मृत्यु पश्चात के सूक्ष्म जीवन का परिचय करवाए ओर आत्मा की ज्योति को अमरत्व के प्रकाश से प्रज्वलित कर सके |
अखंड मंडलाकारं व्याप्तं येन चराचरम
तत पदम् दर्शितं येन तस्मै श्री गुरवे नम
वह व्यक्ति जो अपने शिष्यों को अज्ञानता से ज्ञान की ओर तथा उनके मन, कर्म, वचन, जीवन में जो ज्ञान रूपी अमृत डालता है वह गुरु है। गुरु वह है जो संसार के सभी मोह माया को त्यागकर ज्ञान रूपी माया को धारण करता है वह गुरु है। गुरु किसी भी शिष्य में कोई भी जाति सम्प्रदाय का कोई भेद नहीं रखता है। गुरु वह है जो अपने शिष्यों के प्रति ज्ञान, दया, कृपा, क्षमा, रक्षा और प्रेम का निर्मोह, निष्कंटक रूप से यह भाव रखता हो वह गुरु है। गुरु वह है जो सर्वदा धर्म सत्य के मार्ग पर चलकर ज्ञान तथा कला प्रदान करता है वहीं गुरु है। गुरु वह है जो सभी वेदों, पुराणों शास्त्रों का ज्ञान रखता हो तथा वही अपने शिष्यों को प्रदान करता है वहीं गुरु है।
अखंड मंडलाकारं व्याप्तं येन चराचरम
तत पदम् दर्शितं येन तस्मै श्री गुरवे नम
वह व्यक्ति जो अपने शिष्यों को अज्ञानता से ज्ञान की ओर तथा उनके मन, कर्म, वचन, जीवन में जो ज्ञान रूपी अमृत डालता है वह गुरु है। गुरु वह है जो संसार के सभी मोह माया को त्यागकर ज्ञान रूपी माया को धारण करता है वह गुरु है। गुरु किसी भी शिष्य में कोई भी जाति सम्प्रदाय का कोई भेद नहीं रखता है। गुरु वह है जो अपने शिष्यों के प्रति ज्ञान, दया, कृपा, क्षमा, रक्षा और प्रेम का निर्मोह, निष्कंटक रूप से यह भाव रखता हो वह गुरु है। गुरु वह है जो सर्वदा धर्म सत्य के मार्ग पर चलकर ज्ञान तथा कला प्रदान करता है वहीं गुरु है। गुरु वह है जो सभी वेदों, पुराणों शास्त्रों का ज्ञान रखता हो तथा वही अपने शिष्यों को प्रदान करता है वहीं गुरु है।
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