जब भक्ति भोजन में मिलती है
तो प्रसाद बन जाता है।
जब भक्ति भूख में मिलती है
तब उपवास बन जाता हेl
जब भक्ति पानी में मिलती है
तो चरणामृत बन जाता है।
जब भक्ति प्रवास में मिलती हे
तो तीर्थ यात्रा बन जाती हेl
जब भक्ति संगीत में मिलती हे
तो वह कीर्तन बन जाता हेl
जब भक्ति घर में मिलती है
तो वह मंदिर बन जाता है।
जब भक्ति कर्म में मिलती हे
तो वह सेवा बन जाती हेl
और
जब भक्ति व्यक्ति मे मिलती है
तो वह इंसान बन जाता है।
आपका दिन मंगलमय हो !!
ॐ जय श्री राधे कृष्णा
ॐ जय श्री श्याम —
तो प्रसाद बन जाता है।
जब भक्ति भूख में मिलती है
तब उपवास बन जाता हेl
जब भक्ति पानी में मिलती है
तो चरणामृत बन जाता है।
जब भक्ति प्रवास में मिलती हे
तो तीर्थ यात्रा बन जाती हेl
जब भक्ति संगीत में मिलती हे
तो वह कीर्तन बन जाता हेl
जब भक्ति घर में मिलती है
तो वह मंदिर बन जाता है।
जब भक्ति कर्म में मिलती हे
तो वह सेवा बन जाती हेl
और
जब भक्ति व्यक्ति मे मिलती है
तो वह इंसान बन जाता है।
आपका दिन मंगलमय हो !!
ॐ जय श्री राधे कृष्णा
ॐ जय श्री श्याम —
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