Tuesday, 17 June 2014

हम नादान हैं

जय श्री शिव शक्ति जी की जी ---एक ऐसी प्रार्थना प्रभु से जो हमें इंसान और भगवान में अंतर बतलाती है !! 
सबसे पहले अपने आराध्य श्री शिव शक्ति जी के चरणों में इस दास का प्रणाम !! हे प्रभु आपने हमें ये अनमोल जीवन प्रदान किया है जिसमे हम अपने अच्छे और बुरे का फैंसला खुद कर सकते हैं,किन्तु हे दीन दयाल हम आपसे केवल एहि प्रार्थना करना चाहते हैं की प्रभु आपने हमें सोचने के लिए ये जो बुद्धि प्रदान की है इस बुद्धि में कोई गलत विचार ना आये ये कृपा आपको ही करनी है क्योँकि आपकी माया अपरम्पार है !! हम भले ही कितना भी प्रयास करलें किन्तु आपकी कृपा और दया के बिना हम कोई भी कर्म नहीं कर सकते हैं,हाँ प्रभु जी हम इतना जरूर जान सकते हैं अपनी इस अनमोल बुद्धि से की जो हम कैट हैं या फिर करेंगे उसका परिणाम क्या होगा या हो सकता है किन्तु हे दीन दयाल भूलकर भी हमसे कोई भूल ना हो जाए ये आशीर्वाद आप ही हमें प्रदान करोगे दाता,जब भी हमें कोई दुःख कष्ट आन पड़ता है तब हम आपका ही स्मरण करते हैं आपके आगे ही हाथ फैलातें हैं क्योँ भला सिर्फ इसलिए की हमें ये ज्ञात है की इस मुसीबत की घडी में हमारा कोई साथ दे या ना दे किन्तु आप तो हो ही हमें इस मुसीबत से बाहर निकलने वाले और सही मार्ग दिखलाने वाले,प्रभु जी इंसान क्योँ भटक जाता है क्योँ उसे आपका भी नहीं रहता है अगर इस बात को हम जानने का प्रयास करते हैं तो एहि समझ पाते हैं की हमसे गलती हो जाना ये हमारी भूल,नादानी और बेवकूफी होती है किन्तु हमें शमा करना,सत्ये और भलाई का मार्ग दिखलाना ये आपका प्रेम होता है हमारे प्रति जो हमारी इतनी गलतियों को भी शमा कर देते हो,हे दीन दयाल इतनी कृपा जरूर करना इस जगत पे की कोई भी प्राणी किसी को कष्ट ना पहुंचाए और अगर भूल से वो किसी को कष्ट भी पहुंचाए तो उसे इसका आभास शीघ्र ही हो जाये की उसके कारण किसी को क्या कष्ट मिला है और भविष्य में वो ऐसा कर्म दुबारा ना कर सके,
हम नादान हैं फिर भी आपकी सन्तान हैं !! 
भूलकर भी हो जाये भूल जो हमसे कभी तो शमा करना प्रभु जी 
क्योँकि हम इंसान और आप भगवान हैं !!
प्रभु चरणों की सेवा का दीवाना 

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