Monday, 2 June 2014

किसी नारी का मूल्य आप तब तक नहीं समझते जब वो एक माता के रूप
में या बहन के रूप में या एक पत्नी के रूप में आपके सामने होती है
आपको नारी का असली मूल्य तब समझ में आता है जब
आपकी अपनी बेटी होती है या ईश्वर कि दया से पुत्री प्राप्त होती है
---तब आपको समझ में आता है नारी का असली दर्द तब आपको याद
आता है कि एक दिन आपकी बेटी ने पराये घर जाना है तब अचानक आप
अपनी माता-बहन -पत्नी का दर्द हकीकत में समझ पाते हैं। तब
आपको पता चलता है कि हकीकत में नारी कितना त्याग करती है ---
तब आपको अपनी पत्नी के मायके से प्रेम का रहस्य भी समझ में
आता है तब आपको समझ में आता कि एक नारी आपने जीवन के सबसे
प्रिय पुरुष यानि अपने पिता से बिछड़ कर किस तरह आपको आपने
जीवन का प्रिय पुरुष बना चुकी है मगर अपने पिता के
प्रति उसकी अपनी माता के प्रति उसका प्यार कम नहीं होता और ये
दर्द उस वक्त ज्यादा समझ में आएगा जब आप
कि ही पत्नी अपनी बेटी कि चिंता में आप अपनी बेटी की चिंता में अधमरे
हो रहे होंगे तब आपको पता चलेगा कि एक नारी अपने जीवन में
कितना त्याग करती है।

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