औषधियों का उपयोग ज्यादा नहीं करना चाहिए।
स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त जगह, शुद्ध वायु, शुद्ध जल, धूप, व्यायाम तथा शारीरिक क्रिया करना बहुत ही आवश्यक हैं तथा इसके बाद उचित भोजन का करना आवश्यक है।
भोजन, नींद, व्यायाम तथा विश्राम सम्बंधी नियमों का पालन करना चाहिए तभी स्वास्थ्य ठीक प्रकार से बना रह सकता है।
किसी भी बीमार व्यक्ति के लिए जल औषधि तथा आहार दवा के सामान होता है अत: किसी भी बीमारी को ठीक करने के लिए इनका उपयोग अधिक करना चाहिए।
किसी भी बीमारी को ठीक करने के लिए उपवास चिकित्सा का महत्वपूर्ण अंग है इसके द्वारा कई प्रकार के रोग ठीक हो जाते हैं।
किसी भी व्यक्ति को कोई भी कार्य करने के लिए जल्दबाजी नहीं करना चाहिए।
स्वस्थ रहने के लिए चिंता-फिक्र का त्याग कर देना चाहिए।
तेज मसालेदार तथा चिकनाईयुक्त सब्जियां व्यक्ति को बीमार कर देती हैं इसलिए इन चीजों का बहुत ही कम उपयोग करना चाहिए।
अच्छा स्वास्थ्य बनाये रखने के लिए कुछ आवश्यक बातों पर नजर :-
सभी प्रकार के रोगों को ठीक करने की शक्ति शरीर में ही मौजूद होती है।
थकान, बीमारी, दर्द होने पर तथा तनाव की स्थिति या फिर जल्दबाजी में भोजन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है।
किसी भी रोग को ठीक करने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा का सहारा लेना चाहिए, क्योंकि यह चिकित्सा सर्वाधिक सुरक्षित और स्थायी होती है।
भोजन करने से आधा घण्टा पहले पानी पीना चाहिए तथा भोजन करने के कम से कम 1 घण्टे के बाद ही पानी पीना चाहिए। भोजन करने के समय में कभी भी पानी नहीं पीना चाहिए।
रोग की अवस्था में उचित भोजन का ही उपयोग करना चाहिए तथा कभी भी ऐसा भोजन नहीं करना चाहिए जिससे बीमारी का प्रकोप और बढ़ जाए।
अच्छा स्वास्थ्य संतुलित भोजन और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण पर ही निर्भर करता है अत: भोजन उतना ही करना चाहिए जितना आवश्यक हो।
नशीली चीजें, तम्बाकू, शराब तथा अन्य विषैले पदार्थों का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इन चीजों से स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है।
स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन दिन में 10 से 12 गिलास पानी पीना चाहिए।
रात के भोजन और सोने के बीच में कम से कम 3 घण्टे का अन्तर रखना चाहिए इससे स्वास्थ्य सही रहता है।
धन से दवाई खरीदी जा सकती है स्वास्थ्य नहीं यह ध्यान रखना चाहिए।
चाय, कॉफी का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि इन चीजों से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
अनुशासित जीवन आपको दीर्घजीवी और खुशहाल बनाता है अत: अपने जीवन में अनुशासित रूप अपनाना चाहिए।
परिवर्तन संसार का नियम है इसलिए इसके साथ-साथ छेड़-छाड़ नहीं करनी चाहिए।
शरीर, मस्तिष्क व आत्मा को शुद्ध रखने के लिए योग सबसे आसन तरीका है। इसलिए अपने जीवन में योग का अच्छी तरह से इस्तेमाल करना चाहिए।
किसी भी रोग को ठीक करने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा और योग एक ही गाड़ी के 2 पहिए हैं।
रोग को ठीक करने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा पर विश्वास करना बहुत ही आवश्यक है। इसके फलस्वरूप रोग जल्द ही ठीक हो जाता है
स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त जगह, शुद्ध वायु, शुद्ध जल, धूप, व्यायाम तथा शारीरिक क्रिया करना बहुत ही आवश्यक हैं तथा इसके बाद उचित भोजन का करना आवश्यक है।
भोजन, नींद, व्यायाम तथा विश्राम सम्बंधी नियमों का पालन करना चाहिए तभी स्वास्थ्य ठीक प्रकार से बना रह सकता है।
किसी भी बीमार व्यक्ति के लिए जल औषधि तथा आहार दवा के सामान होता है अत: किसी भी बीमारी को ठीक करने के लिए इनका उपयोग अधिक करना चाहिए।
किसी भी बीमारी को ठीक करने के लिए उपवास चिकित्सा का महत्वपूर्ण अंग है इसके द्वारा कई प्रकार के रोग ठीक हो जाते हैं।
किसी भी व्यक्ति को कोई भी कार्य करने के लिए जल्दबाजी नहीं करना चाहिए।
स्वस्थ रहने के लिए चिंता-फिक्र का त्याग कर देना चाहिए।
तेज मसालेदार तथा चिकनाईयुक्त सब्जियां व्यक्ति को बीमार कर देती हैं इसलिए इन चीजों का बहुत ही कम उपयोग करना चाहिए।
अच्छा स्वास्थ्य बनाये रखने के लिए कुछ आवश्यक बातों पर नजर :-
सभी प्रकार के रोगों को ठीक करने की शक्ति शरीर में ही मौजूद होती है।
थकान, बीमारी, दर्द होने पर तथा तनाव की स्थिति या फिर जल्दबाजी में भोजन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है।
किसी भी रोग को ठीक करने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा का सहारा लेना चाहिए, क्योंकि यह चिकित्सा सर्वाधिक सुरक्षित और स्थायी होती है।
भोजन करने से आधा घण्टा पहले पानी पीना चाहिए तथा भोजन करने के कम से कम 1 घण्टे के बाद ही पानी पीना चाहिए। भोजन करने के समय में कभी भी पानी नहीं पीना चाहिए।
रोग की अवस्था में उचित भोजन का ही उपयोग करना चाहिए तथा कभी भी ऐसा भोजन नहीं करना चाहिए जिससे बीमारी का प्रकोप और बढ़ जाए।
अच्छा स्वास्थ्य संतुलित भोजन और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण पर ही निर्भर करता है अत: भोजन उतना ही करना चाहिए जितना आवश्यक हो।
नशीली चीजें, तम्बाकू, शराब तथा अन्य विषैले पदार्थों का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इन चीजों से स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है।
स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन दिन में 10 से 12 गिलास पानी पीना चाहिए।
रात के भोजन और सोने के बीच में कम से कम 3 घण्टे का अन्तर रखना चाहिए इससे स्वास्थ्य सही रहता है।
धन से दवाई खरीदी जा सकती है स्वास्थ्य नहीं यह ध्यान रखना चाहिए।
चाय, कॉफी का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि इन चीजों से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
अनुशासित जीवन आपको दीर्घजीवी और खुशहाल बनाता है अत: अपने जीवन में अनुशासित रूप अपनाना चाहिए।
परिवर्तन संसार का नियम है इसलिए इसके साथ-साथ छेड़-छाड़ नहीं करनी चाहिए।
शरीर, मस्तिष्क व आत्मा को शुद्ध रखने के लिए योग सबसे आसन तरीका है। इसलिए अपने जीवन में योग का अच्छी तरह से इस्तेमाल करना चाहिए।
किसी भी रोग को ठीक करने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा और योग एक ही गाड़ी के 2 पहिए हैं।
रोग को ठीक करने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा पर विश्वास करना बहुत ही आवश्यक है। इसके फलस्वरूप रोग जल्द ही ठीक हो जाता है
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