हम सब जानते हैं कि मृत्यु अटल है ।
नाशवान शरीर मरता है ।
अविनाशी आत्मा शरीर छोड़ देती है ।
शरीर यहाँ छुट जाता है और साथ में धन संपत्ति सब भी छुट जाते हैं ।
यह सब जानते हैं । इसमें किसी आश्चर्य की बात नहीं ।
लेकिन इस सत्य के कारण हम जगत के काम नहीं रोकते ।
हम सब अपना कर्म करते रहते हैं ।
हम धन ,संपत्ति अर्जित करते हैं ।
इसमें बुराई नहीं है ।
बुराई यह है कि हम धन संपदा का अहंकार करते हैं ।
हम धन बली ,बाहुबली बन कर अन्य लोगों को सताते हैं ।
यह बुरा है ।
नाशवान शरीर मरता है ।
अविनाशी आत्मा शरीर छोड़ देती है ।
शरीर यहाँ छुट जाता है और साथ में धन संपत्ति सब भी छुट जाते हैं ।
यह सब जानते हैं । इसमें किसी आश्चर्य की बात नहीं ।
लेकिन इस सत्य के कारण हम जगत के काम नहीं रोकते ।
हम सब अपना कर्म करते रहते हैं ।
हम धन ,संपत्ति अर्जित करते हैं ।
इसमें बुराई नहीं है ।
बुराई यह है कि हम धन संपदा का अहंकार करते हैं ।
हम धन बली ,बाहुबली बन कर अन्य लोगों को सताते हैं ।
यह बुरा है ।
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