Thursday, 12 June 2014

पैसों की तंगी भी दूर हो जाती है।

भगवान कृष्ण जिस बांसुरी की धुन से वृंदावन और मथुरा की कन्याओं, पशु-पक्षियों को मोहपाश में बांध लिया करते थे, उसका उपयोग आज के जीवनशैली जनित तनाव को दूर भगाने में किया जा रहा है। इसे `बांसुरी योग` के रूप में जाना जाता है। बांसुरी योग का विकास एस. व्यास योग विश्वविद्यालय ने किया है। यह पारम्परिक योग का मिलाजुला रूप है। इस पद्धति में बांसुरी की धुनों पर श्वास नियंत्रण का अभ्यास किया जाता है।

भगवान श्री कृष्ण को पांच चीजों से बहुत प्रेम है, एक उनकी बांसुरी जो हमेशा उनके होंठों से लगी रहती है, दूसरी गाएं जिनके साथ कृष्ण का सखा के समान व्यवहार है। इसी तरह कृष्ण को माखन मिसरी, मोर पंख और कमल अति प्रिय है। कृष्ण का इनके प्रति प्रेम का उद्देश्य मनुष्य को जीवन के कई रहस्यों एवं ज्ञान से परिचय करना है।

पुराने समय से ही घर में सुख-समृद्धि और धन की पूर्ति बनाए रखने के लिए एक सटीक परंपरागत उपाय अपनाया जाता रहा है। यह उपाय है घर में बांसूरी रखना। जिस घर में बांसुरी रखी होती है वहां के लोगों में परस्पर तो बना रहता है साथ ही श्रीकृष्ण की कृपा से सभी दुख और पैसों की तंगी भी दूर हो जाती है।

शास्त्रों के अनुसार बांसुरी भगवान श्रीकृष्ण को अतिप्रिय है। वे सदा ही इसे अपने साथ ही रखते हैं। इसी वजह से इसे बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना जाता है। साथ ही ऐसा माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण जब भी बांसुरी बजाते तो सभी गोपियां प्रेम वश प्रभु के समक्ष जा पहुंचती थीं। बांसुरी से निकलने वाला स्वर प्रेम बरसाने वाला ही है। इसी वजह से जिस घर में बांसुरी रखी होती है वहां प्रेम और धन की कोई कमी नहीं रहती है।

सामान्यत: घर में बांस की हुई बांसुरी ही रखना चाहिए। वास्तु के अनुसार इस बांसूरी से घर के वातावरण में मौजूद समस्त नेगेटिव एनर्जी समाप्त हो जाती है और सकारात्मक ऊर्जा सक्रिय हो जाती है। परिवार के सदस्यों के विचार सकारात्मक होते हैं जिससे उन्हें सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। 

एक विशेष उपाय :

आप अपने जीवन में अगर चमत्कार देखना चाहते हैं, तो भगवान कृष्ण को इन पांच वस्तुएं अथवा इनें से कोई भी अर्पित करके देखें.

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