Tuesday, 1 July 2014

मिल ही जाता है

जीना है तो जीने का , बहाना मिल ही जाता है |
डूबते हुए कों तिनके का ,सहारा मिल ही जाता है |
अकेले रहना चाहे तो ,भीड़ में भी ,अकेले रहने का ठिकाना मिल ही जाता है |
ढूढ़ना चाहे तो, बेगानों में भी , कोई अपना सा,मिल ही जाता है |
दिल में भक्ति हो तो,पत्थर में भी , भगवान भी, मिल ही जाता है |
पाना चाहे तो ,माँ-बाप में ही , चारो धाम, मिल ही जाता है |
विद्वता दिखाना चाहे तो, मूर्खो का कारंवाअपने ही आस-पास,मिल ही जाता है। 
मिलाना हो तो, गुदड़ी में भी , “लाल” मिल ही जाता है |
किस्मत अच्छी हो तो ,वीरानों में भी, कोई गड़ा खजाना, मिल ही जाता है |
पारखी नजर हो तो, कंकड़-पत्थर में भी , “कोहिनूर” हीरा ,मिल ही जाता है |
ज्ञान पाने की, अभिलाषा हो तो, ज्ञानी क्या मूर्खो से भी ज्ञान ,मिल ही जाता है | मौत लिखी है यदि किस्मत में उसे भी कोई ना कोई ,बहाना मिल ही जाता है |

No comments:

Post a Comment