Tuesday, 1 July 2014

उसे दिलदार कहते है

मेरे दिल को मेरे भगवन, तुम्हारा प्यार मिल जाये...

मेरी वीरान राहों का, गुलिस्तां यार खिल जाये...

जो दिल की दास्तां समझे, उसे दिलदार कहते है...

यही मेरी तमन्ना है, मुझे दिलदार मिल जाये...

मेरे दिल को मेरे भगवन, तुम्हारा प्यार मिल जाये...

मेरी वीरान राहों का गुलिस्तां यार खिल जाये...

जो बदले में न कुछ चाहे, उसे ही प्यार कहते है...

मुझे बेगानी बस्ती में, तुझ-सा यार मिल जाये...

मेरे दिल को मेरे भगवन, तुम्हारा प्यार मिल जाये...

मेरी वीरान राहों का गुलिस्तां यार खिल जाये...

No comments:

Post a Comment