Sunday, 6 July 2014

इजाज़त् नही देगा

प्रभु जी मंत्र मैं आकर्षन होता है जो भगवान को भी भग्त के वश मैं होना पड़ता है
जीतने भी अक्ष्र हैं जेसे क ख ग यह सब अपने आप मैं पूरण मंत्र ही हैं कियू की यह भगवान के श्री मुख से ही प्रकट हुए है
गुरु मंत्र को छोड़ कर बाकी सब मंत्र सुप्त अवस्था मैं होते है इन्हे जाप करके जगाना पड़ता है इसी को सिध्दि कहते हैं
जो किसी अनुभवी के दवारा ही की जानी चाहिए
शिष्य का कल्याण चाहने वाला पूर्ण गुरु कभी भी सिध्दि करने की इजाज़त् नही देगा

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