Thursday, 3 July 2014

चैन तो आये होश न आये

झूम के गा यूँ आज मेरे दिल रात तो गुजरे सुबह न आये..
जैसे कोई बचपन की कहानी याद भी हो और भूल भी जायें..

परदा उठा दे हुस्न की जिद्द है परदा गिरा दे ईश्क की जिद्द है..
दिल है हमारा ऐसा दिया जो जल भी न पाये बुझ भी न पाये..

झूम के गा यूँ...

हस्ती मीटा दे खुद को भूला दे अपना सबीना आप डूबा दे..
ढूँढ किनारा वो के जहाँ पे चैन तो आये होश न आये..

झूम के गा यूँ..

होंठ पे नगमा आँख में पानी एक हकीकत एक कहानी..
खुशी का दामन गम का कफन है दोनों बराबर नींद जो आए..

झूम के गा यूँ आज मेरे दिल रात तो गुजरे सुबह न आये..
जैसे कोई बचपन की कहानी याद भी हो और भूल भी जायें..
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