यदि कोई सज्जन यह समझते हों कि मेरे समीप आनेमात्रसे ही मैं उन्हें श्रीपरमात्माके दर्शन करा दूँगा तो यह बात ठीक नहीं है, क्योंकि मुझमें ऐसी शक्ति नहीं। यद्यपि इस प्रकारकी शक्ति प्राप्त करनेके लिये मैंने बहुत चेष्टा की है और अब भी कर रहा हूँ। मैं चाहता हूँ कि मुझमें ऐसी शक्ति हो जाय, जिससे मैं बिना ही किसी साधनके जीवोंका उद्धार कर दूँ, प्रत्येकको श्रीपरमात्माके दर्शन करा दूँ, परंतु मुझे ऐसी सामर्थ्य अबतक प्राप्त नहीं हुई। हाँ ! इतना अवश्य ही जोरके साथ कह सकता हूँ कि भगवान् हैं और साधन करनेसे उनके दर्शन भी होते हैं। इसमें किसी भी प्रकारका संदेह नहीं है, परंतु दूसरोंको दर्शन करवा देनेकी शक्ति मुझको प्राप्त नहीं है।
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