एक पथ्थर सिर्फ एक बार मंदिर
जाता है और भगवान बन जाता है ..
इंसान हर रोज़ मंदिर जाते है फिर
भी पथ्थर ही रहते है ..!!
एक औरत बेटे को जन्म देने के लिये
अपनी सुन्दरता त्याग देती है.......
और वही बेटा एक सुन्दर बीवी के लिए
अपनी माँ को त्याग देता है
जीवन में हर जगह हम "जीत" चाहते हैं...
सिर्फ फूलवाले की दूकान ऐसी है
जहाँ हम कहते हैं कि "हार" चाहिए।
क्योंकि हम भगवान से "जीत"
नहीं सकते।
जाता है और भगवान बन जाता है ..
इंसान हर रोज़ मंदिर जाते है फिर
भी पथ्थर ही रहते है ..!!
एक औरत बेटे को जन्म देने के लिये
अपनी सुन्दरता त्याग देती है.......
और वही बेटा एक सुन्दर बीवी के लिए
अपनी माँ को त्याग देता है
जीवन में हर जगह हम "जीत" चाहते हैं...
सिर्फ फूलवाले की दूकान ऐसी है
जहाँ हम कहते हैं कि "हार" चाहिए।
क्योंकि हम भगवान से "जीत"
नहीं सकते।
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