रक्तबीज एक महाशक्तिशाली दैत्य था। उसने ब्रह्मा जी से तप करके किसी पुरुष के हाथो न मारा जाऊ और उसके रक्त के बून्द से उसके ही जैसा दूसरा रक्तबीज उत्पन्न हो जाए ये वरदान माँगा था। ये वर पाकर वो बहुत शक्तिशाली हो ग़या और देवता और ऋषि-मुनि आदि को त्रास देने लगा तब सभी देवता की विनती सुन मा दुर्गा अवतरित हुई और रक्तबीज से लड़ने खुद गयी माता ने रक्तबीज के सारे सैनिको को सफाया कर दिया और सिर्फ़ रक्तबीज बच गया
देवी दुर्गा उस पर तलवार से प्रहार करने लगीं। किंतु जैसे ही उसका रक्त भूमि पर गिरता, उसके रक्त की प्रत्येक बूँद से एक नया रक्तबीज उत्पन्न हो जाता। यह देखकर वे अत्यंत क्रोधित हो गईं। इस बार उन्होंने एक खप्पर हाथ में लेकर प्रहार किया और उसके रक्त को भूमि पर नहीं गिरने दिया बल्कि उसे खप्पर में भरकर पीने लगीं।
रक्त पीने से दुर्गा की मोहिनी सूरत भयानक रूप लेती गई और उनका रंग काला पड़ गया। महाकाली रूप धारण कर माता ने उसे मार दिया भगवती दुर्गा का वह स्वरूप संसार में काली व चंडी आदि नामों से विख्यात हुआ।
माता दुर्गा ने अपने भक्तो के लिये काली रूप धारण कर दुष्ट राक्षसो का सफाया किया आज माँ दुर्गा और महाकाली को प्रणाम कर उनसे अपने मन के विकारो को दूर करने की प्रार्थना करे उनकी शरण जाये माँ सबकी सुनती है सबपर दया करती है जै माँ दुर्गा जै महाकाली माँ
देवी दुर्गा उस पर तलवार से प्रहार करने लगीं। किंतु जैसे ही उसका रक्त भूमि पर गिरता, उसके रक्त की प्रत्येक बूँद से एक नया रक्तबीज उत्पन्न हो जाता। यह देखकर वे अत्यंत क्रोधित हो गईं। इस बार उन्होंने एक खप्पर हाथ में लेकर प्रहार किया और उसके रक्त को भूमि पर नहीं गिरने दिया बल्कि उसे खप्पर में भरकर पीने लगीं।
रक्त पीने से दुर्गा की मोहिनी सूरत भयानक रूप लेती गई और उनका रंग काला पड़ गया। महाकाली रूप धारण कर माता ने उसे मार दिया भगवती दुर्गा का वह स्वरूप संसार में काली व चंडी आदि नामों से विख्यात हुआ।
माता दुर्गा ने अपने भक्तो के लिये काली रूप धारण कर दुष्ट राक्षसो का सफाया किया आज माँ दुर्गा और महाकाली को प्रणाम कर उनसे अपने मन के विकारो को दूर करने की प्रार्थना करे उनकी शरण जाये माँ सबकी सुनती है सबपर दया करती है जै माँ दुर्गा जै महाकाली माँ
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