Thursday 9 April 2015

श्री शिव पंचाक्षर स्तोत्रम्

॥ श्री शिव पंचाक्षर स्तोत्रम् ॥
न + म: + शि + वा + य = नम: शिवाय , इन पंचाक्षर के एक एक अक्षर को ले कर इस सिद्ध मन्त्र की स्तोत्र रूपी मनोहारी महादेव की हृदयांगम स्तुति :-
(१) नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांगरागाय महेश्वराय ।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै " न " काराय नम: शिवाय ।।
- जिनके कंठ मे सर्पों का हार है , जिनके तीन नेत्र हैं , भस्म ही जिनका अंगराग है ( अनुलेपन ) है , दिशाँए ही जिनके वस्त्र हैं अर्थात दिगम्बर ( नग्न ) हैं उन अविनाशी महेश्वर " न " कार स्वरूप महादेव शिव को नमस्कार है ।
(२) मन्दाकिनी सलिल चन्दन चर्चिताय नन्दीश्र्वर प्रमथनाथ महेश्वराय ।
मन्दारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मै " म " काराय नम: शिवाय ।।
- गँगाजल और चन्दन से जिनकी अर्चा हुयी है , मन्दार पुष्प ( आँकड़ा ) तथा अन्यान्य पुष्पों से जिनकी सुंदर पूजा हुई है , उन नन्दी के अधिपति प्रमथगणों के स्वामी " म " कार स्वरूप महादेव शिव को नमस्कार है ।
(३) शिवाय गौरी वदनाब्जवृन्द सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय ।
श्री नीलकण्ठाय वृषभध्वजाय तस्मै " शि " काराय नम: शिवाय ।।
- जो कल्याण स्वरूप हैं , पार्वती जी के मुख कमल को विकसित ( प्रसन्न ) करने के लिये जो सूर्य स्वरूप हैं , जो राजा दक्ष के यज्ञ को नाश करने वाले हैं , जिनकी ध्वजा मे साँड ( बैल ) का चिन्ह है , उन शोभाशाली श्री नीलकण्ठ ( हलाहल पान के कारण नील वर्ण का कण्ठ ) " शि " कार स्वरूप महादेव शिव को नमस्कार है ।
(४) वशिष्ठकुम्भोद्भव गौतमार्य मुनीन्द्र देवार्चितशेखराय ।
चन्द्रार्क वैश्वानरलोचनाय तस्मै " व " काराय नम: शिवाय ।।
- वशिष्ठ , अगस्त्य , और गौतम आदि श्रेष्ठ ऋषि मुनियों ने तथा इन्द्र आदि देवताओं ने जिनके मस्तक की पूजा की है । चन्द्र , सूर्य और अग्नि जिनके नेत्र है , उन " व " कार स्वरूप महादेव शिव को नमस्कार है ।
(५) यज्ञस्वरूपाय जटाधराय पिनाकहस्ताय सनातनाय ।
दिव्याय देवाय दिगम्बराय तस्मै " य " काराय नम: शिवाय ।।
- जिन्होंने यज्ञरूप धारण किया है , जो जटाधारी हैं , जिनके हाथ मे पिनाक ( धनुष ) है , जो दिव्य सनातन पुरुष हैं , उन दिगम्बर देव महादेव " य " कार स्वरूप महादेव शिव को नमस्कार है ।
पन्चाक्षरमिदं पुण्यं य: पठेच्छिवसन्निधौ ।
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते ।।
जयति शिवा - शिव शँकर हर जय । महादेव शम्भो जय जय ।।
जय गिरितनये , श्री नीलकण्ठ जय । जगदम्बे जय आशुतोष जय ।।

No comments:

Post a Comment