Saturday, 12 April 2014

पर अफ़सोस हम नहीं ढूंढ रहे

क्या आप उर्जा चक्र और कुंडलिनी जागृत करने के बारे में जानते हैं ?

क्या आप जानते हैं की वैज्ञानिकों ने पिछले कुछ सालों में मान लिया है कि इनके सही उपयोग से आप अपने खुद के डीएनए को सुगठित व रिबिल्ड तक कर सकते हैं ?

सोचिये एक जिन्दा इंसान खुद का डीएनए रिबिल्ड कर सकता है जिसे नोबल पुरूस्कार प्राप्त वैज्ञानिक अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं में भी सिर्फ एक डीएनए कोडिंग पर सही ढंग से नहीं कर पाते |

क्या आप जानते हैं आधुनिक विज्ञान का मानना है कि सारे आनुवांशिक और अन्य सभी रोगों का इलाज बिना किसी दवा के इस से संभव है?

ये हिंदूइस्म का ज्ञान था जो शायद आज हम अधिकतम भूल चुके हैं फिर भी अभी हजारों नागा व अन्य संत इन क्रियाओं को कुछ हद तक जानते हैं ?

इसी के द्वारा हमारे पूर्वज बिना कुछ खाए पिए हजारों वर्ष तपस्या करते थे और जीवित रहते थे ?

आज हमें जरुरत है वेदों के रहस्यों में डूब जाने की और अपने पुरातन ज्ञान को प्राप्त करने की आधुनिक विज्ञान वहीँ से निकल रहा है

पर अफ़सोस हम नहीं ढूंढ रहे

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