राम मुद्रिका दे सीता को फूँक दिए नव प्राण,
दिया मुग्ध हो कर माता ने अष्ट सिद्धि वरदान |
यह आठ मुख्य सिद्धियाँ इस प्रकार हैं:-
अणिमा सिद्धि | Anima Siddhi
अपने को सूक्ष्म बना लेने की क्षमता ही अणिमा है. यह सिद्धि यह वह सिद्धि है, जिससे युक्त हो कर व्यक्ति सूक्ष्म रूप धर कर एक प्रकार से दूसरों के लिए अदृश्य हो जाता है.
महिमा सिद्धि | Mahima Siddhi
अपने को बड़ा एवं विशाल बना लेने की क्षमता को महिमा कहा जाता है.... See More
राम मुद्रिका दे सीता को फूँक दिए नव प्राण,
दिया मुग्ध हो कर माता ने अष्ट सिद्धि वरदान |
यह आठ मुख्य सिद्धियाँ इस प्रकार हैं:-
अणिमा सिद्धि | Anima Siddhi
अपने को सूक्ष्म बना लेने की क्षमता ही अणिमा है. यह सिद्धि यह वह सिद्धि है, जिससे युक्त हो कर व्यक्ति सूक्ष्म रूप धर कर एक प्रकार से दूसरों के लिए अदृश्य हो जाता है.
महिमा सिद्धि | Mahima Siddhi
अपने को बड़ा एवं विशाल बना लेने की क्षमता को महिमा कहा जाता है.
गरिमा सिद्धि | Garima Siddhi
इस सिद्धि से मनुष्य अपने शरीर को जितना चाहे, उतना भारी बना सकता है.
लघिमा सिद्धि | Laghima Siddhi
स्वयं को हल्का बना लेने की क्षमता ही लघिमा सिद्धि होती है.
प्राप्ति सिद्धि | Prapti Siddhi
कुछ भी निर्माण कर लेने की क्षमता इस सिद्धि के बल पर जो कुछ भी पाना चाहें उसे प्राप्त किया जा सकता है.
प्राकाम्य सिद्धि | Prakamya Siddhi
कोई भी रूप धारण कर लेने की क्षमता प्राकाम्य सिद्धि की प्राप्ति है.
ईशिता सिद्धि | Ishta Siddhi
हर सत्ता को जान लेना और उस पर नियंत्रण करना ही इस सिद्धि का अर्थ है. इस सिद्धि को प्राप्त करके साधक समस्त प्रभुत्व और अधिकार प्राप्त करने में सक्षम हो जाता है.
इस सिद्धि को पाने पर साधक ईश रुप में परिवर्तित हो जाता है.
वशिता सिद्धि | vashita siddhi
जीवन और मृत्यु पर नियंत्रण पा लेने की क्षमता को वशिता या वशिकरण कही जाती है.
दिया मुग्ध हो कर माता ने अष्ट सिद्धि वरदान |
यह आठ मुख्य सिद्धियाँ इस प्रकार हैं:-
अणिमा सिद्धि | Anima Siddhi
अपने को सूक्ष्म बना लेने की क्षमता ही अणिमा है. यह सिद्धि यह वह सिद्धि है, जिससे युक्त हो कर व्यक्ति सूक्ष्म रूप धर कर एक प्रकार से दूसरों के लिए अदृश्य हो जाता है.
महिमा सिद्धि | Mahima Siddhi
अपने को बड़ा एवं विशाल बना लेने की क्षमता को महिमा कहा जाता है.... See More
राम मुद्रिका दे सीता को फूँक दिए नव प्राण,
दिया मुग्ध हो कर माता ने अष्ट सिद्धि वरदान |
यह आठ मुख्य सिद्धियाँ इस प्रकार हैं:-
अणिमा सिद्धि | Anima Siddhi
अपने को सूक्ष्म बना लेने की क्षमता ही अणिमा है. यह सिद्धि यह वह सिद्धि है, जिससे युक्त हो कर व्यक्ति सूक्ष्म रूप धर कर एक प्रकार से दूसरों के लिए अदृश्य हो जाता है.
महिमा सिद्धि | Mahima Siddhi
अपने को बड़ा एवं विशाल बना लेने की क्षमता को महिमा कहा जाता है.
गरिमा सिद्धि | Garima Siddhi
इस सिद्धि से मनुष्य अपने शरीर को जितना चाहे, उतना भारी बना सकता है.
लघिमा सिद्धि | Laghima Siddhi
स्वयं को हल्का बना लेने की क्षमता ही लघिमा सिद्धि होती है.
प्राप्ति सिद्धि | Prapti Siddhi
कुछ भी निर्माण कर लेने की क्षमता इस सिद्धि के बल पर जो कुछ भी पाना चाहें उसे प्राप्त किया जा सकता है.
प्राकाम्य सिद्धि | Prakamya Siddhi
कोई भी रूप धारण कर लेने की क्षमता प्राकाम्य सिद्धि की प्राप्ति है.
ईशिता सिद्धि | Ishta Siddhi
हर सत्ता को जान लेना और उस पर नियंत्रण करना ही इस सिद्धि का अर्थ है. इस सिद्धि को प्राप्त करके साधक समस्त प्रभुत्व और अधिकार प्राप्त करने में सक्षम हो जाता है.
इस सिद्धि को पाने पर साधक ईश रुप में परिवर्तित हो जाता है.
वशिता सिद्धि | vashita siddhi
जीवन और मृत्यु पर नियंत्रण पा लेने की क्षमता को वशिता या वशिकरण कही जाती है.
tis is 8 door in our body. without this our body donnot works
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