जब केवट राम जी को अपनी नाव से नदी पार कराने लगा तो केवट ने अपने चप्पू भी नाव पर ही रख दिए राम जी कहने लगे हे केवट हमने घोड़ों की सवारी की है हाथियों की सवारी की है नाव पर हम पहली बार बैठे हैं इस लिए हमें डर लगता है आप हमारा हाथ पकड़ लें केवट भी भाव भारी बात से कहने लगा हे प्रभु जी मैं तो जीव हूँ कब आप जी की माया मुझे घेर ले ओर मैं आप जी का हाथ छोड़ दूं इस लिए आप मेरा हाथ पकड़ लो कियू के आप पकड़ना जानते हो छोड़ना नही
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