Sunday, 1 June 2014

भारतीय संस्कृति को पहचाने

हिंदुत्व को जाने भारतीय संस्कृति को पहचाने —

दो पक्ष – कृष्ण पक्ष एवं शुक्ल पक्ष !

तीन ऋण – देव ऋण, पित्र ऋण एवं ऋषि ऋण!

चार युग – सतयुग , त्रेता युग , द्वापरयुग एवं कलयुग !

चार धाम – द्वारिका , बद्रीनाथ, जगन्नाथ पूरी एवं रामेश्वरम धाम !

चारपीठ – शारदा पीठ ( द्वारिका ), ज्योतिष पीठ ( जोशीमठ बद्रिधाम), गोवर्धन पीठ ( जगन्नाथपुरी ) एवं श्रन्गेरिपीठ!

चर वेद- ऋग्वेद , अथर्वेद, यजुर्वेद एवं सामवेद !

चार आश्रम – ब्रह्मचर्य , गृहस्थ , बानप्रस्थ एवं संन्यास !

चार अंतःकरण – मन , बुद्धि , चित्त , एवं अहंकार !

पञ्च गव्य – गाय का घी, दूध, दही, गोमूत्र एवं गोबर, !

पञ्च देव – गणेश , विष्णु , शिव , देवी और सूर्य !

पंच तत्त्व – प्रथ्वी , जल , अग्नि , वायु एवं आकाश !

छह दर्शन – वैशेषिक, न्याय, सांख्य, योग, पूर्व मिसांसा एवं उत्तर मिसांसा !

सप्त ऋषि – विश्वामित्र, जमदाग्नि, भरद्वाज, गौतम, अत्री, वशिष्ठ और कश्यप !

सप्त पूरी – अयोध्या पूरी , मथुरा पूरी , माया पूरी ( हरिद्वार ) , कशी , कांची ( शिन कांची – विष्णु कांची ) , अवंतिका और द्वारिका पूरी !

आठ योग – यम, नियम, आसन, प्राणायाम , प्रत्याहार, धारणा, ध्यान एवं समाधी !

आठ लक्ष्मी – आग्घ , विद्या , सौभाग्य , अमृत ,काम , सत्य , भोग , एवं योग लक्ष्मी !

नव दुर्गा – शैल पुत्री,ब्रह्मचारिणी,चंद्रघंटा,कुष्मांडा,स्कंदमाता,कात्यायिनी,कालरात्रि, महागौरी एवं सिद्धिदात्री !

दस दिशाएं– पूर्व,पश्चिम,उत्तर,दक्षिण,इशान,नेत्रत्य,वायव्य आग्नेय,आकाश एवं पाताल !

मुख्या दस अवतार – मत्स्य, कच्छप, बराह, नरसिंह, बामन, परशुराम, श्री राम, कृष्ण, बलराम एवं कल्कि !

ब्रह्मास्त्र, नारायणास्त्र पाशुपत, आग्नेय अस्त्र, पर्जन्य अस्त्र, पन्नग अस्त्र या सर्प अस्त्र,गरुड़ अस्त्र, शक्ति अस्त्र, फरसा, गदा एवं चक्र l

ग्यारह कौमार ऋषि – सनक, सनन्दन, सनातन और सनत कुमार, मरीचि, अत्री, अंगीरा, पुलह, क्रतु, पुलस्त्य एवं वशिष्ठ l

बारह मास – चेत्र, वैशाख, ज्येष्ठ,अषाड़, श्रावन, भाद्रपद, अश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष. पौष, माघ एवं फागुन !

बारह राशी – मेष, ब्रषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, ब्रश्चिक, धनु, मकर, कुम्भ, कन्या एवं मीन !

बारह ज्योतिर्लिंग – सोमनाथ, मल्लिकर्जुना, महाकाल, ओमकालेश्वर, बैजनाथ, रामेश्वरम, विश्वनाथ, त्रियम्वाकेश्वर, केदारनाथ, घुष्नेश्वर, भीमाशंकर एवं नागेश्वर !

बारह विश्व की प्रारम्भिक जातियां – देवऋषि, देवता, गन्धर्व, किन्नर, रूद्र, खस, नाग, गरुड व अरुण, दानव, दैत्य, असुर एवं वसु l

चौदह मनु – स्वायंभुव, स्वारोचिष, उत्तम, तामस, रैवत, चाक्षुष, वैवस्वत, अर्क सावर्णि, दक्ष सावर्णि, ब्रह्म सावर्णि, धर्म सावर्णि, रुद्र सावर्णि, रौच्य एवं भौत्य।

पंद्रह तिथियाँ – प्रतिपदा, द्वतीय, तृतीय, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, पूर्णिमा, अमावश्या !

स्म्रतियां – मनु, विष्णु, अत्री, हारीत, याज्ञवल्क्य, उशना, अंगीरा, यम, आपस्तम्ब, सर्वत, कात्यायन, ब्रहस्पति, पराशर, व्यास, शांख्य, लिखित, दक्ष, शातातपवब,वशिष्ठ !"

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