यदि भाग्य साथ ही नहीं दे रहा हो और दुर्भाग्य पीछा न छोड़ रहा हो तो यह प्रयोग करे, जरुर लाभ होगा -
सूर्योदय के उपरान्त और सूर्यास्त से पूर्व इस प्रयोग को करना है। एक रोटी ले लें। इस रोटी को अपने ऊपर से 31 बार वार लें । प्रत्येक बार वारते समय इस मन्त्र का उच्चारण भी करें :-
ऊँ दुर्भाग्यनाशिनी दुं दुर्गाय नमः ।
बाद में रोटी को कुत्ते को खिला दें अथवा बहते पानी में बहा दें या अपने नजदीकी किसी तालाब अथवा कुए में समर्पित कर दे । इस प्रयोग को एक बार या अधिक से अधिक 3 मंगलवार करे । श्रद्धा विश्वास से करने पर शीघ्र लाभ होता है तथा दुर्भाग्य का नाश होकर सौभाग्य वृद्धि होती है। फलत: सुख-समृद्धि एवं उन्नति प्राप्त होती है।
सूर्योदय के उपरान्त और सूर्यास्त से पूर्व इस प्रयोग को करना है। एक रोटी ले लें। इस रोटी को अपने ऊपर से 31 बार वार लें । प्रत्येक बार वारते समय इस मन्त्र का उच्चारण भी करें :-
ऊँ दुर्भाग्यनाशिनी दुं दुर्गाय नमः ।
बाद में रोटी को कुत्ते को खिला दें अथवा बहते पानी में बहा दें या अपने नजदीकी किसी तालाब अथवा कुए में समर्पित कर दे । इस प्रयोग को एक बार या अधिक से अधिक 3 मंगलवार करे । श्रद्धा विश्वास से करने पर शीघ्र लाभ होता है तथा दुर्भाग्य का नाश होकर सौभाग्य वृद्धि होती है। फलत: सुख-समृद्धि एवं उन्नति प्राप्त होती है।
Wah prabhu ji wah .....yeh sach mai bahut chamatkari uppay hai....
ReplyDeleteWah prabhu ji wah .....yeh sach mai bahut chamatkari uppay hai....
ReplyDeleteaaj ka dhanyawad guru ji
ReplyDeletekisi ko laabh ho yahi hamaara udeshye hai
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