इंसान घर बदलता है।
लिवास बदलता है ,रिश्ते बदलता है।
दोस्त बदलता हृ।
फिर भी परेशान क्यो रहता है ..???
क्योकि वो खुद को नही बदलता ।
एक संत ने कहाँ है।
उम्रभर इंसान यही भूल करता रहा ।
धूल चेहरे पे थी ।और आइना साफ करता रहा
लिवास बदलता है ,रिश्ते बदलता है।
दोस्त बदलता हृ।
फिर भी परेशान क्यो रहता है ..???
क्योकि वो खुद को नही बदलता ।
एक संत ने कहाँ है।
उम्रभर इंसान यही भूल करता रहा ।
धूल चेहरे पे थी ।और आइना साफ करता रहा
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