Friday, 25 April 2014

वो धर्म को अच्छे से जान पाता है।

धर्म को जानने के लिए , ईश्वर को जानने के लिए आप प्रश्न कर सकते है , इससे आपको धर्म एवं ईश्वर को जानने मे सहायता मिलेगी। क्यो कि ईश्वर को बिना जाने मानने से विशेष लाभ नहीं होता, किन्तु ईश्वर को जानने से व जानकार मानने से ही लाभ होता है। एक ओर जहा अन्य रिलीजन, पंथ व मजहबो मे प्रश्न करने पर पाबंदी है , वहा हमारे सत्य धर्म मे , प्रश्न एवं तर्क करने की खुली छूट है। इसीलिए हमारे अधिकतर ग्रंथ प्रश्न एवं उत्तर के क्रम मे ही लिखे गए है । 

गीता में भी अर्जुन श्री कृष्ण से प्रश्न करते रहे, श्री कृष्ण उत्तर देते गए। हमारे धर्म मे कोई भी विचारधारा, परंपरा , सिद्धांत किसी पर थोपा नहीं जाता। बल्कि सत्य व तर्क की कसौटी पर परखकर उसे समझाया जाता है। मनु ने तो स्पष्ट कहा है कि -- जो तर्क के द्वारा खोज करता रहे वो धर्म को अच्छे से जान पाता है। 

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