कोई श्याम सुन्दर से कहदो ये जाके
भुला क्यों दिया हमे अपना बना के।
अभी मैंने तुमको निहारा नहीं है
तुम्हारे सिवा कोई हमारा नहीं है ।
चले क्यों गए श्याम दीवाना बना के
भुला क्यों दिया.....
अभी मेरी आँखों में आसू भरे है
जख्म मेरे दिल के अभी भी हरे है ।
अगर तुम ना आये तो दिल क्या करेगा
तुम्हारे लिए ही तडपता रहेगा
निभाना नहीं था तो पहले ही कहते
बुझाते हो क्यों आग दिल में लगा के
कोई श्याम सुन्दर से.......
कोई श्याम सुन्दर से कहदो ये जाके
भुला क्यों दिया हमे अपना बना के।
पहले कुछ प्रेम बढा करके फिर दूर खड़े मुस्काने लगे
जब चाह हुई मिलने की जरा
मुख चन्द्र को कैसे छिपाने लगे
बस एक ही बार हँसा करके
सारी उम्र हमे रुलाने लगे
करुणा करनी तो दूर रही
करूणानिधि होंके सताने लगे
कोई श्याम सुन्दर से..
कोई श्याम सुन्दर से कहदो ये जाके
भुला क्यों दिया हमे अपना बना के।
जय जय श्री राधे जय जय श्री राधे
—
कोई श्याम सुन्दर से कहदो ये जाके
भुला क्यों दिया हमे अपना बना के।
अभी मैंने तुमको निहारा नहीं है
तुम्हारे सिवा कोई हमारा नहीं है ।
चले क्यों गए श्याम दीवाना बना के
भुला क्यों दिया.....
अभी मेरी आँखों में आसू भरे है
जख्म मेरे दिल के अभी भी हरे है ।
अगर तुम ना आये तो दिल क्या करेगा
तुम्हारे लिए ही तडपता रहेगा
निभाना नहीं था तो पहले ही कहते
बुझाते हो क्यों आग दिल में लगा के
कोई श्याम सुन्दर से.......
कोई श्याम सुन्दर से कहदो ये जाके
भुला क्यों दिया हमे अपना बना के।
पहले कुछ प्रेम बढा करके फिर दूर खड़े मुस्काने लगे
जब चाह हुई मिलने की जरा
मुख चन्द्र को कैसे छिपाने लगे
बस एक ही बार हँसा करके
सारी उम्र हमे रुलाने लगे
करुणा करनी तो दूर रही
करूणानिधि होंके सताने लगे
कोई श्याम सुन्दर से..
कोई श्याम सुन्दर से कहदो ये जाके
भुला क्यों दिया हमे अपना बना के।
भुला क्यों दिया हमे अपना बना के।
अभी मैंने तुमको निहारा नहीं है
तुम्हारे सिवा कोई हमारा नहीं है ।
चले क्यों गए श्याम दीवाना बना के
भुला क्यों दिया.....
अभी मेरी आँखों में आसू भरे है
जख्म मेरे दिल के अभी भी हरे है ।
अगर तुम ना आये तो दिल क्या करेगा
तुम्हारे लिए ही तडपता रहेगा
निभाना नहीं था तो पहले ही कहते
बुझाते हो क्यों आग दिल में लगा के
कोई श्याम सुन्दर से.......
कोई श्याम सुन्दर से कहदो ये जाके
भुला क्यों दिया हमे अपना बना के।
पहले कुछ प्रेम बढा करके फिर दूर खड़े मुस्काने लगे
जब चाह हुई मिलने की जरा
मुख चन्द्र को कैसे छिपाने लगे
बस एक ही बार हँसा करके
सारी उम्र हमे रुलाने लगे
करुणा करनी तो दूर रही
करूणानिधि होंके सताने लगे
कोई श्याम सुन्दर से..
कोई श्याम सुन्दर से कहदो ये जाके
भुला क्यों दिया हमे अपना बना के।
जय जय श्री राधे जय जय श्री राधे
—
कोई श्याम सुन्दर से कहदो ये जाके
भुला क्यों दिया हमे अपना बना के।
अभी मैंने तुमको निहारा नहीं है
तुम्हारे सिवा कोई हमारा नहीं है ।
चले क्यों गए श्याम दीवाना बना के
भुला क्यों दिया.....
अभी मेरी आँखों में आसू भरे है
जख्म मेरे दिल के अभी भी हरे है ।
अगर तुम ना आये तो दिल क्या करेगा
तुम्हारे लिए ही तडपता रहेगा
निभाना नहीं था तो पहले ही कहते
बुझाते हो क्यों आग दिल में लगा के
कोई श्याम सुन्दर से.......
कोई श्याम सुन्दर से कहदो ये जाके
भुला क्यों दिया हमे अपना बना के।
पहले कुछ प्रेम बढा करके फिर दूर खड़े मुस्काने लगे
जब चाह हुई मिलने की जरा
मुख चन्द्र को कैसे छिपाने लगे
बस एक ही बार हँसा करके
सारी उम्र हमे रुलाने लगे
करुणा करनी तो दूर रही
करूणानिधि होंके सताने लगे
कोई श्याम सुन्दर से..
कोई श्याम सुन्दर से कहदो ये जाके
भुला क्यों दिया हमे अपना बना के।
No comments:
Post a Comment