Friday, 11 April 2014

भगवान जी की प्राप्ति मैं देर हो रही है

सच्चे दिल से भगवान को चाहने वाला मनुष्य किसी भी वर्ण,, आश्रम,, सम्प्रदाय,,, परिस्थिती,, आदि मैं कियू न हो ओर कितना ही पापी दुराचारी क्यों न ही,,, वह भगवान की प्राप्ति  का पूर्ण अधिकारी है,,,,
संसार से कभी कोई आशा न रखें,, क्यों कि वह सदा नही रहता ,,,ओर परमात्मा से कभी निराश न हो,,,, क्यों क़ि उनका कभी अभाव नहीं होता,,,
भगवान के विषय मैं संतोष करना ओर संसार के विषय मैं असंतोष करना महान हानि कारक है,,
जेसे मछलि जल के बिना व्याकुल हो जाती है ,, एसे ही हम यदि भगवान के बिना व्याकुल हो जाएँ तो भगवान के मिलने मैं देर नही लगेगी,,,,,
भगवान की प्राप्ति मैं व्याकुलता से जितना लाभ होता है,,, उतना जल्दी लाभ विचार पूर्वक किय गये साधन से नहीं होता,,,,
स्वयं मैं तीव्र उत्कंठा न होने के कारण ही भगवान जी की प्राप्ति  मैं देर हो रही है

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