Wednesday, 9 April 2014

नाम जप से शीध्र परम सिद्धि होती है, इसमें कोई संदेह नहीं!

"राम नाम सब कोई कहे, दश रित कहे न कोय ! एक बार दशरित कहे, कोटि यज्ञ फल होय!! " इस दोहे में दशरित कहा है-----
१--निंदा, 
२--आसुरी प्रकृति वाले को नाम महिमा बताना 
३--हरि-हर में भेद दृष्टि रखना, 
४--वेदों पर विश्वास न रखना, 
५--शास्त्रों पर अविश्वास, 
६-- गुरु पर अविश्वास, 
७--नाम महिमा को असत जानना, 
८--नाके भरोसे निषिद्ध कर्म करना,
९--नाम के भरोसे विहित कर्म न करना 
१०--और भगवन्नाम के साथ अन्य साधनों की तुलना करना! इन दस का परहेज रखा जाय तो नाम जप से शीध्र परम सिद्धि होती है, इसमें कोई संदेह नहीं!

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