राम नाम रस पीजै, मनुआं राम नाम रस पीजै |
तज कुसंग सत्संग बैठ नित हरि चर्चा सुनि लीजै ||
काम क्रोध मद लोभ मोह कूँ बहा चित्त से दीजै |
मीरा के प्रभु गिरधर नागर, ताहि रंग में भीबहुत ही सुंदर भाव है मीरा जी कहते हैं के,,,, है मेरे मनवा विषय भोग तो हर ईक योनि मैं मिल ही जाएगे,,, संतान भी मिल जाएगी लेकिन जन्म मरण से छुटकारा पाने का यही मोका है,,, संगति का बहुत असर होता है दुष्ट की संगति से अच्छी कुल मैं भी जन्म लेने वाला भ्रष्ट हो ही जाता है,,, ओर चोर भी अच्छी संगत ओर संत के संग से भव पार हो ही जाता है,,,,भगवान के नाम मैं बड़ी शक्ति है,,,एक बार उनके श्री चरणों मैं अपने मन को लगा कर तो देखो,,,मीरा जी को विष पिलाने के बाद भी वह बच गई,,,प्रहलाद ,,को अग्नि मैं जलाने वाली उसकी बुआ खुद जल गई,,,क्या वह ,तेरी लाज नही बचायगा,, हे मन तू विश्वास तो कर
जय श्री कृष्णाजै ||
तज कुसंग सत्संग बैठ नित हरि चर्चा सुनि लीजै ||
काम क्रोध मद लोभ मोह कूँ बहा चित्त से दीजै |
मीरा के प्रभु गिरधर नागर, ताहि रंग में भीबहुत ही सुंदर भाव है मीरा जी कहते हैं के,,,, है मेरे मनवा विषय भोग तो हर ईक योनि मैं मिल ही जाएगे,,, संतान भी मिल जाएगी लेकिन जन्म मरण से छुटकारा पाने का यही मोका है,,, संगति का बहुत असर होता है दुष्ट की संगति से अच्छी कुल मैं भी जन्म लेने वाला भ्रष्ट हो ही जाता है,,, ओर चोर भी अच्छी संगत ओर संत के संग से भव पार हो ही जाता है,,,,भगवान के नाम मैं बड़ी शक्ति है,,,एक बार उनके श्री चरणों मैं अपने मन को लगा कर तो देखो,,,मीरा जी को विष पिलाने के बाद भी वह बच गई,,,प्रहलाद ,,को अग्नि मैं जलाने वाली उसकी बुआ खुद जल गई,,,क्या वह ,तेरी लाज नही बचायगा,, हे मन तू विश्वास तो कर
जय श्री कृष्णाजै ||
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