संसार मे केवल और केवल एक ही चीज ऐसी है , जो आपको आपके लक्ष्य तक पहुचने से रोक सकती है। वह है , आपके दोनों कानो के बीच तकरीबन 3 पाउन्ड का आपका दिमाग । अगर आपका मस्तिष्क हींन भावना के सूरो को छेड़ दे, तो कोई भी आपको जीत नहीं दिला सकता । वही अगर यही मस्तिष्क अगर आत्मविश्वास का शंखनाद कर दे , तो कोई भी आपको हरा नहीं सकता।
जैसे भँवरे का उदाहरण देखिये । सामान्य तौर पर देखा जाये तो , भँवरे का शरीर , उसके पंखो के अनुपात से बड़ा होता है कि वो उड़ न पाये। परंतु सौभाग्य से भँवरा इस नियम को नहीं जानता , अपनी कमी को नहीं पहचानता। वह जानता है तो बस अपने पंखो की शक्ति पर विश्वास करना, इसलिए पंख पसारता है और उड़ता फिरता है स्वच्छंद हवा में । एक फूल से दूसरे फल तक मकरंद को चूसता हुआ । इसलिए हीनभावना से ग्रसित कभी मत होईये , आत्मविश्वास को सदैव ऊंचा रखिए। ऐसे ही लोगो की ईश्वर भी सहायता करते है ।
जैसे भँवरे का उदाहरण देखिये । सामान्य तौर पर देखा जाये तो , भँवरे का शरीर , उसके पंखो के अनुपात से बड़ा होता है कि वो उड़ न पाये। परंतु सौभाग्य से भँवरा इस नियम को नहीं जानता , अपनी कमी को नहीं पहचानता। वह जानता है तो बस अपने पंखो की शक्ति पर विश्वास करना, इसलिए पंख पसारता है और उड़ता फिरता है स्वच्छंद हवा में । एक फूल से दूसरे फल तक मकरंद को चूसता हुआ । इसलिए हीनभावना से ग्रसित कभी मत होईये , आत्मविश्वास को सदैव ऊंचा रखिए। ऐसे ही लोगो की ईश्वर भी सहायता करते है ।
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