Wednesday, 9 April 2014

इसका असर तुरन्त एंव अचूक होता है।

॥रोग मिटाने का प्रयोग॥
यदि किसी पुरुष
या स्त्री को बीमारी हो और
डाक्टर की समझ मे नही आ
रही हो अथवा इलाज कराने पर
भी उसमे सफलता नही मिल
रही हो तो इस प्रयोग
को आजाया जा सकता है।
यदि इस प्रयोग को किया जाय
तो रोगी को तुरन्त आराम अनुभव
होता है ओर यदि रोग
बडा हो तो 2-3 बार इस प्रयोग
को करने से उसे रोग से मुक्ति प्राप्त
हो जाती है।
किसी भी मंगलवार के दिन तांबे के
गिलास मे पानी भर ले उसमे
चिरमी के तीन टुकडे डाल दे, और फिर
उस गिलास को सामने रख कर निम्न
मंत्र का 21 बार उच्चारण करेँ।
मंत्र--
जै जै गुणवन्ती वीर हनुमान । रोग
मिटे और खिले खिलावा । कारज
पूरण करे पवन सुत ।जो ना करे
तो माँ अंजनी की दुहाई । सबद
साचा पिण्ड काचा पुरो मंत्र
ईश्वरो वाचा ॥
इसके बाद उस
पानी को रोगी को पिला दे
तथा चिरमी के टुकडो को उसके
चारो ओर घुमाकर दक्षिण
दिशा की ओर फेक दे, ऐसा करने पर
रोगी को तुरन्त आराम अनभव
होता है।
किसी को भूत-प्रेत
बाधा हो या उसे मिरगी आ
रही हो या रात
को बडबडा रहा हो अथवा उसे कोई
ऐसी बिमारी हो जो समझ मे
नही आ रही है तो इस प्रयोग
को अवश्य ही करे । यह
छोटा सा प्रयोग है परन्तु
इसका असर तुरन्त एंव अचूक होता है।"

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