Thursday 19 March 2015

आरती श्री रामायन जी की

श्री रामायण जी की आरती

आरति श्री रामायनजी की । 
कीरति कलित ललित सिय पी की ।।
गावत ब्रह्मादिक मुनि नारद । 
बालमीक बिग्यान बिसारद ।।
शुक सनकादि शेष अरु सारद । 
बरनि पवनसुत कीरति नीकी ।।1 ।।
आरती श्री रामायन जी की........।।

गावत बेद पुरान अष्टदस । 
छओ सास्त्र सब ग्रंथन को रस ।।
मुनि जन धन संतन को सरबस । 
सार अंश सम्मत सबही की ।।2 ।।
आरती श्री रामायन जी की........।।

गावत संतत संभु भवानी । 
अरु घटसंभव मुनि बिग्यानी ।।
ब्यास आदि कबिबर्ज बखानी । 
कागभुसुंडि गरुड के ही की ।।3 ।।

आरती श्री रामायन जी की........।।
कलिमल हरनि बिषय रस फीकी । 
सुभग सिंगार मुक्ति जुबती की ।।
दलन रोग भव मूरि अमी की । 
तात मात सब बिधि तुलसी की ।।4 ।।

आरती श्री रामायन जी की........।

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