Monday 31 March 2014

अगर अशांति मिटाना है तो

अगर अशांति मिटाना है तो दोनों नथुनों से श्वास ले ॐ शांति शांति जप करें और फिर फूँक मार के अशांति को बाहर फेंक दें | संध्या काल में किया हुआ ये प्रयोग भी अशांति को भागने में बड़ी मदद देगा | अगर निरोगता करनी है तो आरोग्यता के भाव से श्वास भरें आरोग्य का मन्त्र "नासे रोग हरे सब पीरा जपत निरंतर हनुमंत बीरा " ऐसा जप करके रोग गया, ऐसा १० बार करें कैसा भी रोगी, कैसा भी अशांत, कैसा भी बिखरा हुआ जीवन हो उसका जीवन संवर जायेगा उसका

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