Thursday 27 March 2014

भगवान श्री कृष्ण ,श्याम सुंदर, मधुसूदन,

भगवान श्री कृष्ण ,श्याम सुंदर, मधुसूदन, तो ग़रीबों को भी चाहने वाले हैं हमारे स्वामी दीनों के नाथ है, ओर प्रीति के सच्चे निर्वाह कर्ता हैं भला विदुर की जाति  पाँति ओर कुल क्या था, लेकिन श्री कृष्ण जी ने तो प्यार के लालायित रहने वाले हैं , पांडवों  के पास कोन सी प्रभुता थी किंतु श्री कृष्ण जी तो अर्जुन के रथ के सारथि बने , सुदामा के पास कोन सी प्रभुता थी परन्तु श्री कृष्ण जी द्वारिका नाथ प्रेम के सच्चे चाहने वाले जो ठहरे, इस लिय हे जीव हे शठ आर्त हो कर दुखों को भस्म करने वाले उन श्री हरि जी की शरण मैं भाग कर चला जा वह तेरा उधार ज़रूर करेंगे
जय श्री कृष्णा 

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