Sunday 21 December 2014

हमारी नन्दनंदन सो यारी

हमारी नन्दनंदन सो यारी
ऐसो यार ना कोई जग में, ढुंढी दुनिया सारी
वृन्दावन में धेनु चरावत, कांधे कांवर कारी
ग्वाल बाल संग नाचत गावत, नख गोवर्धन धारी
गोपियन के संग रास रचावत, मुरली अधर धर प्यारी
यशोदा नंदन पायो सखा अब, छुटे अब ना यारी

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