Wednesday 6 August 2014

नाथ देरी लगाना ना

सुनो दिलको लगा प्यारे ,अरज तुमसे ये करती हूँ !! 
नजर भर देखलो मुझको , शरण तेरी मैं आई हूँ !! 
कर्म सब नीच है मेरे , तुम्हारा नाम है पावन !! 
तार संसार सागर से , गहन जल में डुबाई हूँ !! 
छुड़ा कर जन्म बंधन से , चरण में राखले अपने !! 
सहारा दे मुझे अपना , करो नही नाथ अब देरी !! 
नहीं है भोग की वांछा , न दिल मै मोक्ष पाने की !! 
प्यास दर्शन की है मन मै , सफल कर आश को मेरी !! 
शरण में आ पड़ी तेरी , प्रभु मुझको भूलाना ना !! 
तेरे है नाम दुनिया में , पतित पावन सब भक्त जाने है !!
देख कर दोस को मेरे , नजर मुझसे हटाना ना !! 
काल की है नदी भारी , बहा जाती हूँ धारा में !! 
पकड़ले हाथ अब मेरा , नाथ देरी लगाना ना !! 
तेरा है नाम अविनाशी , जगत सारे में है पूरण !!
दासी हूँ चरण की तेरी , नैनन से कबहूँ छिपाना ना !! 

No comments:

Post a Comment