Monday 13 October 2014

मन पवित्र नहीं है तो किसी भी उपाय से ब्रह्मचर्य की रक्षा नहीं हो सकती !

ब्रह्मचर्य रक्षा मंत्र
यह प्रयोग स्वयं सिद्ध है ! इसे सिद्ध करने की कोई आवश्यकता नहीं है ! फिर भी पर्व काल में एक माला जप ले !
जिन लोगों की साधना बार बार स्वप्नदोष की वजह से भंग हो जाती है वह इसका इस्तेमाल जरुर करे !
एक बात का हमेशा ख्याल रखे कि यदि आपका मन पवित्र नहीं है तो किसी भी उपाय से ब्रह्मचर्य की रक्षा नहीं हो सकती !

-: मंत्र :-

सत नमो आदेश ! गुरूजी को आदेश !
पारा पारा महापारा पारा पहुंचा दशमे द्वारा दशमे द्वारे
कौन पहुंचाए ? गुरु गोरखनाथ पहुचाये, जो न पहुंचाए तो
हनुमान का ब्रहमचर्य खंडित हो जाये,
माता अन्जनी की आन चले, गुरु गोरख का वान चले,
मेरा ब्रहमचर्य जाये तो हनुमान त्रिया राज्य में रानी
मैनाकनी को भोग के आये !
दादा गुरु मत्स्येन्द्रनाथ आओ जैसे हनुमान का
ब्रहमचर्य रखा हमारी भी लाज बचाओ !
ॐ गुरूजी भग में लिंग, लिंग में पारा जो राखे वही गुरु हमारा !
काम कामनी की यह आग इसे मिटावे गोरखनाथ
माया का पर्दा देयो हटा दादा गुरु मत्स्येन्द्रनाथ !
दुहाई दादा गुरु मत्स्येन्द्रनाथ की ! आदेश गुरु गोरख के !
नाथ जी गुरूजी को आदेश आदेश आदेश !

विधि :-

रात को सोते समय इस मंत्र को 21 बार जप करे और लाल लंगोट धारण करे ! लंगोट धारण करते वक़्त भी इस मंत्र का जाप करे !
भगवान से हमारी यही कामना है कि आपको साधनाओं में सफलता प्रदान करे !

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