Thursday 10 July 2014

जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो या राम |
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम श्याम ||
माखन ब्रज में एक चुरावे, एक बेर के खावे |
प्रेम भाव से भरे अनोखे, दोनों के है काम ||1||
एक कंस पापी को मारे, एक दुष्ट रावण संहारे |
दोनों दीन के दुःख हरत है, दोनों बल के धाम ||2||
एक ह्रदय में प्रेम बढावे, एक ताप संताप मिटावे |
दोनों सुख के सागर है, और दोनों पूरण काम ||3||
एक राधिका के संग राजे, एक जानकी संग बिराजे |
चाहे सीता-राम कहो, या बोलो राधे-श्याम ||4||

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