Wednesday 30 July 2014

हृदय का अन्धकार दूर होता है


अनूठी महिमा सत्संग की और सदगुरू की
एक बार कुमार कार्तिकेय भगवान सूर्यनारायण के दर्शन को गये और सूर्यनारायण की आज्ञा पाकर वहीं बैठ गये। वहाँ उन्होंने आश्चर्यकारी दृश्य देखा। उनके देखते-देखते एक दिव्य विमान आया। भगवान सूर्य खड़े हुए और विमान में से नीचे उतरे व्यक्ति का बहुत आदर सत्कार किया। उसके अंग को स्पर्श कर, सिर सूँघकर भक्तवत्सलता प्रकट की। प्रेम से बातें की और अपने पास में बैठाया। थोड़ी देर में दूसरा विमान आया। उसमें से जो व्यक्ति उतरे उनका भी इस प्रकार भलीभाँति स्वागत करके अच्छी-भली बातें की।
कार्तिक यह देखकर चकित हुए कि साक्षात् पुराण पुरूषोत्तम भगवान सूर्यनारायण इन विमानों में आये व्यक्तियों का इतना सत्कार करते हैं ! जब आवभगत की विधि पूरी हुई तब कार्तिक स्वामी ने भगवान सूर्यनारायण से पूछा कि इन विमानों से आये इन दो व्यक्तियों को आपने इतना सम्मान दिया है इसका कारण क्या है ? इनके पास ऐसा कौन सा पुण्य है जो आपके इतने स्नेहभाजन बन गये हैं ?
तब सूर्यनारायण कहते हैं- 'मुझे यम, यमी, शनि या तप्ती इतने प्रिय नहीं हैं जितने ये दो व्यक्ति प्रिय हैं।
पहले व्यक्ति जो हैं वे अयोध्या में लोगों को हरिचर्चा सुनाते थे। भगवन्नाम की कथा करने वाले व्यास थे। हरिकथा से लोगों के पाप दूर होते हैं, अज्ञान दूर होता है। मैं तो प्रकाश करता हूँ तब रात्रि का अन्धकार दूर होता है मगर ये कथाकार जब कथा करते हैं तब हृदय का अन्धकार दूर होता है। इसलिए मैं उनका इतना स्वागत करता हूँ।
दूसरा व्यक्ति जो है वह भगवद् कथा का श्रोता है, उत्तम श्रोता है। कभी भी कथा सुनकर उबा नहीं है।
श्रवण जा के समुद्र समाना.....।।
यह श्रोता ऐसा उत्तम है कि कथा सुनने के बाद इसने वक्ता की प्रदक्षिणा की और उन्हें सोना दान दिया। इसलिए उस पर मेरी प्रीति बढ़ गई। मैंने इन दोनों का स्वागत किया है।
कथा (सत्संग) एक ऐसा दिव्य प्रकाश है कि उस प्रकाश के आगे सूर्य का प्रकाश और चन्द्रमा का प्रकाश भी छोटा पड़ता है। शास्त्र तो यहाँ तक कहते हैं-
गंगा पापं शशी तापं दैन्यं कल्पतरूस्तथा।
पापं तापं च दैन्यं च घ्नन्ति सन्तो महाशयाः।।
गंगा में स्नान करने से पाप दूर होते हैं, चंद्र की चाँदनी की शीतलता में शरीर की तपन दूर होती है और कल्पवृक्ष मिले तो दरिद्रता दूर होती है लेकिन जिसको महापुरूष मिलते हैं उसके पाप, ताप और हृदय की दरिद्रता सदा के लिए दूर हो जाती है।

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