Tuesday 8 July 2014

जय राधे राधे राधे बरसाने वाली राधे

एक समय गोकुल में एक मोर रहता था
वह रोज़ जब कृष्ण भगवान आते और जाते तो उनके द्वार पर बैठा एक ही भजन गाता
" मेरा कोई ना सहारा बिना तेरे
गोपाल सांवरिया मेरे
माँ बाप सांवरिया मेरे"
वो इस तरहा रोज़ यही गुनगुनाता रहता 
एक दिन हो गया 2 दिन हो गये 
इसी तरहा 1 साल व्यतीत हो गया
परन्तु कृष्ण ने एक ना सुनी 
तब वहा से एक मैना उडती जा रही थी
उसने मोर को रोता हुआ देखा और अचम्भा किया
उसे मोर के रोने पर अचम्भा नही हुआ ,उसे ये देख के अचम्भा हुआ की क्रष्ण के दर पर कोई रो रहा है
वो मोर से बोली 
मैना: हे मोर तू क्यों रोता हैं
तो मोर ने बताया की 
मोर :पिछले एक साल से में इस छलिये को रिझा रहा हु परन्तु इसने आज तक मुझे पानी भी नही पिलाया
ये सुन मैना बोली 
मैना: में बरसना से आई हु
तू भी वहा चल 
और वो दोनों उड़ चले और उड़ते उड़ते बरसाने पहुच गये 
जब मैना वहा पहुची तो उसने गाना शुरू किया 
श्री राधे राधे राधे बरसाने वाली राधे 
परन्तु मोर तो बरसाने में आकर भी यही दोहरा रहा था 
मेरा कोई ना सहारा बिना तेरे
गोपाल सांवरिया मेरे
माँ बाप सांवरिया मेरे"
जब राधा ने ये सुना तो वो दोड़ी चली आई और मोर को गले लगा लिया
राधा: तू कहा से आया हैं
तो मोर ने बोला 
मोर: जय हो राधा रानी आज तक सुना था की तू करुणामयी हो और आज साबित हो गया
राधा: वो कैसे
मोर: में पिछले 1 साल से श्याम नाम की बिन बजा रहा हु और उसने पानी भी नही पिलाया
राधा: ठीक हैं अब तुम गोकुल जाओ और यही रटो 
जय राधे राधे राधे
बरसाने वाली राधे 
मोर फिर गोकुल आता हैं और 
गाता हैंजय राधे राधे....
जब कृष्ण ने ये सुना तो भागते हुए आये और बोले
कृष्ण : हे मोर तू कहा से आया हैं
मोर: वाह छलिये जब एक साल से तेरे नाम की बिन बजा रहा था तो पानी भी नही पूछा और जब आज party बदली तो भागता हुआ आगया
कृष्ण: अरे बातो में मत उलझा बात बता
मोर: में पिछले एक साल से तेरे द्वार पर यही गा रहा हु 
मेरा कोई ना सहारा बिना तेरे
गोपाल सांवरिया मेरे
माँ बाप सांवरिया मेरे"
कृष्ण : तूने राधा का नाम लिया ये तेरा वरदान हैं 
और मेने पानी नही पूछा ये मेरे लिए श्राप हैं
इसलिए जब तक ये स्रष्टि रहेगी तेरा पंख सदेव मेरे शीश पर विराजमान होगा
और जो राधा का नाम लेगा वो भी मेरे शीश पर रहेगा 

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