Friday 11 July 2014

मोको कहा ढूंढे रे बनदे मै तो तेरे पास में।
न तीरथ में न मूरत में न एकांत निवास में।
न मनदर में न मसिजद में न काबे कैलाश में।
मैं तो तेरे पास में मैं मैं तो तेरे पास में ।
न मैं जप में न मैं तप में न पूजा उपवास में।
न मैं किरिया करम में रहता न योग सनयास में।
न ही प्राण में न ही पिंड न बृहामंड आकाश में।
न मैं पृकृति पवार गुफा में न ही शवासो के शवास में।
खोजी हो तुरंत मिल जाऊं इक पल की तलाश में।
कहत कबीर सुनो भई साधो मैं तो हूँ विशवास में

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