Tuesday 29 April 2014

चाहे जन्म हमें सौ बार मिले

जीवन की रूलाती घडियो मे मिलता है तुम्हारा प्यार मुझे 
कोई चाह नही बाकी रहती प्रभु आके तेरे दरबार मुझे
मेरे दिल के गगन पर आके कभी जब गम की घटा छा जाती है
इक पल मे तब तेरी दया बन के हबा आ जाती है 
तुमको दाता कहने मे फिर कयो हो भला इनकार मुझे
प्रभु दर पे तेरे आने बाला झोली अपनी भर लेता है 
तेरे दर से प्रभु मै क्या मागू बिन माँगे तू सब देता है 
जो तेरी इच्छा हो दाता हरदम है बही स्वीकार मुझे
जब तक प्रभु दुनिया मे रहूं बस एक यही मेरा काम रहे 
मेरे दिल मे तुम्हारी याद रहे होठो पे सदा तेरा नाम रहे 
रहे प्यार तुम्हारे चरणों मे चाहे जन्म हमें सौ बार मिले

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