Sunday 27 April 2014

आज हिंदुओं मे ही अनेकों मत है

धर्म और मत में अंतर है। धर्म ईश्वर निर्धारित करता है और मत इंसान बनाता है। धर्म से शांति आती है और मत से अशांति। मत बहुत से होते हैं और धर्म केवल एक है। धर्म का लोप करने वाले वे धर्मगुरू होते हैं जो धर्म के नाम पर अपना मत चला देते हैं।......ये पूरा विश्व केवल वैदिक धर्म का अनुयायी था । और आज हिंदुओं मे ही अनेकों मत है । जिनको धर्म का रूप दे दिया गया है.

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