Wednesday 30 April 2014

नमो नारायणी नमो हे देवि कात्त्यायनी

ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं कालिका कपालिनी /
नमामि देवि अक्षरा कराली मुंडमालिनी //

भद्रकाली , भैरवी , त्रिनेत्री , रौद्ररूपिणी 
महाबला , महेश्वरी , कराली खंगधारणी
अनंता , घोररूपा हे चामुण्डा , चंडघंटा 
दशशीश हाथ बीस माँ अनेकअस्त्रधारणी 
क्रोध अग्नि ज्वाल नैनों में धगदधगदज्वले 
विमुक्तकेशी की लटें लगें कराल व्यलिनी 
ॐ ह्रीं श्रीं ---------------------- //१//

रक्तबीज काट मुण्ड हव्य कीन्ह अग्निकुंड 
पी गई हो रक्त मातु छिन्नमुण्ड धारणी 
नमो नारायणी नमो हे देवि कात्त्यायनी 
अनादि ब्रह्मरूपिणी हे देवि ब्रह्मचारिणी 
कालरात्रि कालिका त्रिलोकीनाथनायिका 
हे अग्निज्वाला, पाटला महेश की मरालिनी
ॐ ह्रीं श्रीं -----------------------//२//

बलप्रदा जलोदरी ,महोदरी महेश्वरी 
मतंगमुनिपूजिता , मातंगी ,सूलधारणी
सत्यानन्दरूपा दिव्य वैष्णवी अनूपा
ब्रह्मदेवी हे रुद्राणी माँ पिनाकपाणि धारणी 
सर्वदानवादिघातिनी उतारूं आरती
निवारो मेरे कष्ट क्रूरा काली विकरालिनी
ॐ ह्रीं श्रीं ---------------------//३//

दिव्य तेजोमय अनूपा छिन्नमस्ता उग्ररूपा 
योगिनी हे मोहिनी हे योगियों की रक्षणी 
देवगण सुरक्षणी हे दुष्ट दैत्य भक्षणी 
हे संकटा हे चंडिका हे साधकों की यक्षिणी
निशुम्भ शुम्भ दुष्ट मधु कैटभ निपातिनी
हे सर्वमंत्ररूपा तीन लोकों की भुआलिनी 
ॐ ह्रीं श्रीं --------------------//४//

अमेयविक्रमा हे सर्ववाहनोंकीवाहिनी
अभव्या चण्ड मुण्ड नाशिनी हे सिंहवाहिनी
पद्मा परमेश्वरी सार्वास्त्रसस्त्र धारणी 
कृपालु दृष्टि कीजै भक्तिभाव की प्रवाहिनी 
कलमंजीररंजनी पुरुषाकृति उत्कर्षणी
पट्टाम्बर परिधाना शक्तिबामा दुष्टघालिनी
ॐ ह्रीं श्रीं ------------------//५//

नित्य औ प्रत्यक्षा कूष्माण्डा विष्णुमाया तुमही 
माता आद्यादेवी हो सावित्री ब्रह्मवादिनी 
रौद्रमुखी ज्ञाना देवसुन्दरी नमो नमो 
हे सर्वसास्त्रमयी वन्यदुर्गा माँ आल्हादिनी
आर्या हे लक्ष्मी हे सुन्दरी भुवनेश्वरी हे 
आदि देवि दिव्या खप्पर वाली आन्त्रमालिनी
ॐ ह्रीं श्रीं -------------------//६//

विंध्यवासिनी गायत्री बाहुलप्रेमा सप्तसती 
हे अनेकाशस्त्राहस्ता सर्वासुरविनाशिनी
रतनप्रिया हे देवी दक्ष की दुलारी क्रिया 
चिंता चितारूपा ज्वाला काली अविनाशिनी 
त्रिलोकसुन्दरी जया हे सीता माता शीतला 
शिवदूती बहुला विमला तूही देवी दिगपालिनी 
ॐ ह्रीं श्रीं ------------------ //७// 

महातपा सदागति हे पाटलावती यति हे 
भावनी भवानी माता दुष्ट दैत्य भंजनी
अनेकवर्णा बुद्धिदा महासती हे शैलजा 
हे विश्वप्रीता विश्वमोहिनी हे भक्तरंजनी 
तू ही अहंकार तेरी महिमा अपार हे 
महिष-असुर विनाशिनी हे काली विकरालिनी 
ॐ ह्रीं श्रीं --------------------//८//

सत्या भव्या भाव्या तुम वाराही सर्वविद्या तुमही 
अम्बिका अपर्णा देवी विद्या बुद्धि दायिनी 
देवमाता साम्भवी स्कंदमाता साध्वी हे 
चित्रा चित्तरूपा माता सत्ता सिद्धि दायिनी 
रक्ष रक्ष क्षम्य क्षम्य दोष मेरे दुर्गे अम्ब 
कीजिये कृपा हे भक्तवत्सला कृपालिनी 
ॐ ह्रीं श्रीं -------------------//९// 

अन्नपूर्णा दानी तुमही एंन्द्रीरूप भवानी तुमही 
मन हो तुम ही बुद्धि तुम ही देतीं रिद्धि सिद्धि
तुमहीकन्या तुमकुमारी तुमकिशोरी और गौरी 
तुमही प्रौढ़ा और अप्रौढ़ा वृद्धामाता भीहो तुमही 
दम्भ दर्प नाशिनी हे देवी माँ सुहासिनी 
बुझाओ नैन प्यास दिव्या देवी दैत्यघातिनी
ॐ ह्रीं श्रीं ------------------//१०// 

पूजनं न अर्चनं न सक्ति भक्ति साधनम 
जपम न योग आसनम उपासनम आराधनम
नाम अष्टसत त्वयं जपामि मातु नित्याहम
करोमि पाद पंकजम नमो नमो नमो नमम
पाहि पाहि पाहि देवी दुर्गा महाकाली 
"उदयभानु भृंग" पै कृपा करो हे मुण्डमालिनी 
ॐ ह्रीं श्रीं ----------------- //११//

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