Monday 23 June 2014

निश्चिंत हो जाओ

राहू हो बेठा कुंडली मे सुनो लगाकर ध्यान
करता हे हरकते उल्टी फंस जाते सबके प्राण
भावो एक से छे बेठा केसे होगा प्यारा
विष इसका अमृत जो जाए उपाए बताऊँ न्यारा
एक हो कर बेठे तो दूध से करो स्नान
रंग काला नीला छोड़ो बिल्ली की जेर अपनाओ
चाँदी टुकड़ा धारण करो..निश्चिंत हो जाओ
दो होकर बेठे तो माँ का करो सम्मान
सोना चाँदी (गोली ) धारण करो
माथे पर केसर तिलक का लगाओ निशान
तीन जो होकर बेठे चंद्र का करो उपाए
हाथी दांत का सामान कभी न उसको भाए
दो पीपल पानी पक्षी दाना राहू को जो हो भगाना
चार को होकर बेठे तो सफाई का रखो ध्यान
काम अधूरा न कोई छोड़ो धनिया पानी बहाओ
सीडीयौ के नीचे रसोई न कभी बनवाओ
पाँच जो होकर बेठे दहलीज पे चाँदी पत्रा लगवाओ
हाथी दांत रखो घर मे चरित्र उतम हो परिणाम अच्छे पाओ
छे जो होकर बेठे काली गोली , भूरा कुत्ता ,सरस्वती पुजा
भाई -बहनो की सेवा ..पाओगे राहू से भी मेवा
दोस्तो
नेक कर्म उत्तम चरित्र , दान ,माँ बाप का सम्मान राहू के अच्छे फल प्राप्त करने मे सदा लाभकारी होते हें अपने फायदे के लिए ही सही ...इन रास्तो को अपनाओ ...ज़िंदगी अपनी ओर दूसरों की स्वर्ग बनाओ

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