Monday 30 June 2014

आप भी वैसे ही बन जायेंगे

सब मित्रों का सादर मंगलमय अभिनंदन !
आजकल भगवान की साधना कम और भगवान के नाम पर व्यापार अधिक हो रहा है|
निराकार ब्रह्म की परिकल्पना सब के लिए सम्भव नहीं है अतः साकार साधना सार्थक है| आप भगवान के जिस भी रूप की साधना करते हैं, उनके गुण आपमें निश्चित रूप से आते हैं|
योगसुत्रों में भी कहा है कि किसी वीतराग पुरुष का चिंतन करने से आपका चित्त भी वैसा ही हो जाता है| आप भगवान राम का ध्यान करेंगे तो भगवान राम के कुछ गुण आप में निश्चित रूप से आयेंगे| भगवान श्री कृष्ण, भगवन शिव, हनुमान जी, जगन्माता आदि जिस भी भगवान के या किसी महापुरुष के रूप को आप ध्यायेंगे आप भी वैसे ही बन जायेंगे| अतः आपकी क्या अभीप्सा है और स्वाभाविक रूप से आप क्या चाहते हैं, वैसी ही साधना करें|
भगवान को अपना अहैतुकी परम प्रेम दें| उनके साथ व्यापार ना करें|
भगवान के साथ हम व्यापार कर रहे हैं इसीलिए सारे विवाद उत्पन्न हो रहे हैं|
वर्तमान में चल रहा साईं विवाद भी इसी का रूप है| कई हिन्दू आश्रमों में भगवान् श्री कृष्ण के साथ साथ ईसा मसीह की भी पूजा और आरती होती है| कुछ काली मंदिरों में माँ काली की प्रतिमा के साथ मदर टेरेसा के चित्र की भी पूजा होती है| विदेशी संस्थाएं भी धीरे धीरे हिन्दुओं के आस्था केन्द्रों पर अपना प्रभाव और अधिकार जमा रही हैं| यह एक व्यापार है या एक षड्यन्त्र जिसका निर्णय करने में मेरी अल्प और सीमित बुद्धि असमर्थ है| 
कृपया इससे बचें और भगवान की साधना सिर्फ भगवान के प्रेम के लिए ही करें|
आप सब के हृदयों में स्थित प्रभु को सप्रेम सादर नमन |

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