Tuesday 24 June 2014

बिस्बास तुम्हारा है

इक आस तुम्हारी है...बिस्बास तुम्हारा है... !!
अब तेरे शिबा बाबा...कब कौन हमारा है...!!
फूलो में महक तुमसे...तारो में चमक तुमसे...!!
मेरे बाबा...इतना बता दो कहा तुम नही हो...!!
ये सबको पता है की...तुम हर कही हो ... !!
अगर तुम ना होते...तो दुनिया ना होती ...!!
अँधेरा मिटाती है... तेरी ही ज्योति... !!
फूलो में महक तुमसे...तारो में चमक तुमसे...!!
बर्फो में शीतलता...अग्नि में धधक तुमसे...!!
जिस ओर नज़र डालू...तेरा ही नज़ारा है ...!!
अब तेरे शिवा बाबा...कब कौन हमारा है ...!!
इक आस तुम्हारी है...बिस्बास तुम्हारा है... !!
अब तेरे शिबा बाबा...कब कौन हमारा है...!!
मझधार में नईया है...मजबूर खिवईया है ...!!
कनहिया बिस्बास मेरा ये टूटे ना प्यारे ...!!
तुम्ही को लगानी है...नईया किनारे ...!!
चले आओ ढूनो ना कोई बहाना... !!
सोचो जरा है ये रिश्ता पुराना ...!!
मझधार में नईया है...मजबूर खिवईया है ...!!
नईया का खिवईया तो...अब तू ही कनहिया है...!!
भव पार लगा बाबा...मझधार किनारा है ...!!
अब तेरे शिवा बाबा...कब कौन हमारा है ...!!
इस तन में रमे हो तुम...इस मन में रमे हो तुम...!!
ऐ मेरे बाबा तुझसे जुडी है...मेरी हर को हानी...!!
तुम्ही दे रहे हो... मुझे दाना पानी ...!!
ये अहसान तेरे में कैसे चुकाऊ...दिया है जो तूने मै ना भूल पाउ...!!
मै तुमको कहा धुंडू...इस दिल में बसे हो तुम...!!
घन श्याम दरस देदो...कोई ना हमारा है ...!!
अब तेरे शिवा बाबा...कब कौन हमारा है ...!!
इक आस तुम्हारी है...बिस्बास तुम्हारा है... !!
अब तेरे शिबा बाबा...कब कौन हमारा है...!!

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