Monday 23 June 2014

तकनीक ज्यादा महत्वपूर्ण होती है।

संभोग के बारे में कुछ जरूरी बातें 


परिचय-
सेक्स एक ऐसा विषय है जिसके बारे में चाहे स्त्री हो पुरुष सभी उत्सुक रहते हैं। वैसे भी जिस तरह जीवन जीने के लिए भोजन, हवा, पानी आदि जरूरी है उसी तरह सेक्स भी बहुत ही जरूरी है। इसके लिए सबसे जरूरी है सेक्स के बारे में पूरी जानकारी होना क्योंकि बिना ज्ञान के किया गया कोई भी काम सफल नहीं होता है। सेक्स के बारे में जानकारी न होने के कारण अगर किसी व्यक्ति को कोई भी परेशानी हो और वह चाहे छोटी सी चींटी के समान हो उसे तो वह परेशानी बड़ा सा पहाड़ ही नजर आएगी। इसी नादानी के चक्कर में बहुत से लोग गलत तरह के लोगों के झांसे में आकर अपना पैसा़, समय और जीवन तक बर्बाद कर बैठते हैं।
यहां हम आपको कुछ ऐसी जरूरी बातें बता रहें हैं जिनको जानकर आपकी सेक्स संबंधी होने वाली बहुत सी भ्रांतियों (वहम) को दूर किया जा सकता है- 
• संभोग क्रिया करने से पहले जब पुरुष का लिंग पूरी तरह उत्तेजित अवस्था में होता है तो उस समय लिंग के मूत्रमार्ग से द्रव की कुछ बूंदे निकलती हैं जिन्हें बहुत से लोग वीर्य समझ लेते हैं लेकिन यह वीर्य न होकर सिर्फ कुछ ग्रंथियों का रस होता है।
• बहुत से लोगों को हस्तमैथुन (हैंड प्रैक्टिस) करने की आदत पड़ी होती है जिसे वह बहुत बड़ा रोग समझ लेते हैं। हस्तमैथुन की आदत से ग्रस्त कुछ लोगों को वहम होता है कि इस आदत के कारण उन्हें शादी के बाद कई तरह की परेशानियां पैदा हो सकती हैं। लेकिन असल में हस्तमैथुन किसी प्रकार का रोग नहीं है और न ही इससे किसी प्रकार की शारीरिक या मानसिक परेशानी होती है। किशोरावस्था में यौन ग्रंथियों की परिपक्वता यौन तनाव को जन्म देती है। इसी यौन तनाव को दूर करने के लिए किशोरों या युवाओं को जब कोई दूसरा रास्ता नजर नहीं आता तो उनको यौन तनाव को दूर करने के लिए हस्तमैथुन करने का तरीका ही सबसे बेहतर लगता है। लेकिन यहां पर एक बात बताना और भी जरूरी है कि हस्तमैथुन को अगर महीने में सिर्फ 3-4 बार किया जाए तो किसी तरह के डर की बात नहीं है लेकिन अगर इसे रोजाना किया जाए तो जरूर कई तरह के शारीरिक और मानसिक विकार पैदा हो सकते हैं।
• स्त्री के साथ संभोग करते समय वीर्यपात होने से पहले बीच-बीच में लिंग को स्त्री के योनि में से बाहर निकालने से या संभोग करने के आसनों को बदलने से संभोग करने के समय को थोड़ा और बढ़ाया जा सकता है।
• कुछ लोगों को रात को सोते समय नींद में ही वीर्यपात होने की शिकायत होती है जिसको स्वप्नदोष कहा जाता है। अक्सर युवक इसे भी बहुत बड़ा रोग मान बैठते हैं और सोचते हैं कि शादी करने के बाद इस परेशानी के कारण वह सफल सेक्स करने में कामयाब नहीं होंगे। स्वप्नदोष भी युवावस्था में यौन-ग्रंथियों की पूर्ण परिपक्वता के कारण होता है। वीर्य के शरीर में बनने की क्रिया लड़के की किशोरावस्था से ही शुरू हो जाती है। शादी करने से पहले जब तक लड़का किसी लड़की के साथ सेक्स संबंध नहीं बनाता तो इस वीर्य का निकलना संभव नहीं होता है इसी कारण कुछ लोगों का यह वीर्य स्वप्नदोष के माध्यम से बाहर निकल जाता है। शरीर के बढ़ने के क्रम में स्वप्नदोष एक सहज और स्वाभाविक प्रक्रिया है। लेकिन स्वप्नदोष अगर महीने में 3-4 बार हो तो यह एक सामान्य क्रिया है लेकिन इससे ज्यादा हो तो यह परेशानी पैदा कर सकता है।
• शीघ्रपतन (इसमें पुरुष का वीर्य संभोग के समय जल्दी निकल जाता है) को बहुत से पुरुष अपनी बहुत बड़ी कमजोरी समझते है लेकिन यह कोई ऐसी कमजोरी नहीं है जिसको दूर न किया जा सके। शीघ्रपतन की चिकित्सा करवाने के साथ-साथ इससे ग्रस्त व्यक्ति को आत्मिक संयम तथा यौन विशेषज्ञ की सलाह लेना भी बहुत लाभ करता है।
• पुरुष का वीर्य गाढ़ा या ज्यादा होना ही इस बात का सबूत नहीं है कि पुरुष बाप बनने के काबिल है या स्त्री को गर्भ ठहराने में सक्षम है। स्त्री को गर्भ ठहराने में सबसे अहम बात यह होती है कि पुरुष के वीर्य में मौजूद शुक्राणुओं की संख्या पूरी हो और वह बिल्कुल स्वस्थ और गतिशील अवस्था में हो।
• जिन व्यक्तियों का वीर्य पतला और पानी जैसा होता है उनको वीर्य विकार का रोग होता है। ऐसे लोगों के वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या बहुत कम होती है और शुक्राणु गतिशील अवस्था में भी नहीं होते। ऐसे व्यक्ति संतान पैदा करने में पूरी तरह सक्षम नहीं होते हैं।
• पुरुष का वीर्य जब लिंग के जरिए बाहर निकलता है तो वह बहुत गाढ़े और चिपचिपे रूप में होता है लेकिन कुछ ही समय में यह वीर्य पानी की तरह पतला हो जाता है क्योंकि स्खलन के बाद वीर्य के अंदर मौजूद शुक्राणु कुछ समय तक गतिशील होते हैं लेकिन धीरे-धीरे यह गतिहीन होते चले जाते हैं जिसके कारण वीर्य पतला हो जाता है।
• एक बार के स्खलन में कितने शुक्राणु बाहर निकलते हैं इसका अभी तक पूरी तरह से अंदाजा नहीं लगाया गया है लेकिन फिर भी अनुमानों के मुताबिक एक बार के स्खलन में लगभग 60 से 150 मिलियन तक शुक्राणु निकलते हैं।
• पुरुष के एक बार स्खलित होने पर लगभग 2 से 5 मिलीलीटर की मात्रा में वीर्य बाहर निकलता है।
• स्त्री के बच्चे को जन्म देने की तारीख पता करने के लिए उसके पिछले बार आए हुए मासिकधर्म की तारीख से 3 महीने और पीछे जाकर उसमें 7 दिन और जोड़ दें जैसे अगर गर्भवती स्त्री को आखिरी बार मासिकधर्म 20 जनवरी को हुआ हो तो उससे 3 महीने पीछे जाने पर 20 अक्टूबर आता है। इसके बाद इसमें 7 दिन और जोड़ने पर 27 अक्टूबर आ जाता है। इसी अगले आने वाले 27 अक्टूबर को स्त्री के द्वारा बच्चे को जन्म देने की तारीख माना जाएगा। इस तिथि से 2-4 दिन ऊपर-नीचे हो सकते हैं।
• अक्सर गर्भाशय व अंडाशय के निकल जाने के बाद स्त्रियों की सहवास संबंधी उत्तेजना पहले से काफी कम हो जाती है लेकिन इस कमी को भंगाकुर द्वारा उत्तेजना प्राप्त करके दूर किया जा सकता है। किसी अच्छे यौन चिकित्सक की सलाह से हार्मोंस द्वारा इलाज भी किया जा सकता है।
• संभोग करते समय जैसे ही पुरुष को महसूस होता है कि उसका वीर्यपात होने वाला है तो उससे कुछ ही क्षण पहले पुरुष को अपनी गुदा को कसकर भींच लेना चाहिए। इस तरह करने से वीर्य स्खलन के समय को अर्थात संभोग अवधि को बढ़ाया जा सकता है।
• संभोग करते समय कमर के द्वारा संचालन के कारण अगर स्त्री को योनि में दर्द होता है तो यह नहीं सोचना चाहिए कि स्त्री का योनि मार्ग संकरा अर्थात तंग है बल्कि यह गर्भाशय तथा गर्भ के मुंह में किसी तरह के रोग होने का संकेत देता है।
• संभोग क्रिया के दौरान एक बार पुरुष के स्खलित होने के बाद दुबारा संभोग करने पर पुरुष पहले की अपेक्षा दूसरी बार देर से स्खलित होता है लेकिन स्त्री पहली बार के संभोग की अपेक्षा जल्दी ही चरम सुख की प्राप्ति कर लेती है।
• हर स्त्री या तो रात में, बिल्कुल अंधेरे में या फिर चांदनी रात में ही संभोग क्रिया का मजा लेती है। जब स्त्री पूरी तरह से निश्चित हो जाती है तभी वह अपने पुरुष साथी को संभोग में ज्यादा से ज्यादा सहयोग दे पाती है। इसी तरह से पुरुष और स्त्री दोनों को ही अधिक यौनानंद प्राप्त होता है।
• स्त्रियों के अंदर पूरी तरह से काम उत्तेजना पैदा किए बिना उनको संभोग के चरम सुख तक नहीं पंहुचाया जा सकता। इसके लिए सबसे जरूरी है कि संभोग से पहले प्राकक्रीड़ा (फोर प्ले) के द्वारा स्त्री को पूरी तरह से उत्तेजित करके ही संभोग क्रिया की जाए।
• पुरुषों की यौन उत्तेजना स्त्रियों के मुकाबले बहुत ही तेजी से उठती है और उसी तेजी से समाप्त भी हो जाती है लेकिन स्त्रियों के साथ इसका उल्टा ही होता है उनके अंदर यौन उत्तेजना बहुत धीरे-धीरे पैदा होती है लेकिन काफी देर तक बनी रहती है।
• संभोग के प्रति उत्तेजना पैदा होने के बाद शर्म या संकोच के कारण स्त्री अपनी योनि में लिंग प्रवेश कराने के लिए कहे या न कहे लेकिन दूसरी कोशिशों के जरिए वह इस बात का साफ संकेत दे देती है कि वह अब अपनी योनि में पुरुष का लिंग प्रवेश कराना चाहती है। अगर स्त्री की नजर बार-बार नीचे योनि की तरफ उठती है तो समझ जाना चाहिए कि वह क्या चाहती है।
• मासिकधर्म की समाप्ति के बाद अक्सर स्त्री संभोग क्रिया में ज्यादा रुचि लेने लगती है। इसके अलावा मासिकधर्म के बाद स्त्रियों की यौन उत्तेजना कुछ तेज हो जाती है।
• साधारण आकार से ज्यादा बड़ा लिंग होने से यह नहीं कहा जा सकता कि इसके कारण संभोग क्रिया ज्यादा समय तक चल सकती है। संभोग करने के लिए लिंग के आकार की बजाय संभोग की कला और तकनीक ज्यादा महत्वपूर्ण होती है।
• कहा जाता है कि अगर स्त्री के साथ मासिकधर्म के समय संभोग किया जाए तो स्त्री को गर्भ नहीं ठहरता है।
• गर्भधारण करने के लिए डिंब प्रणाली बहुत जरूरी है क्योंकि साधारणतः डिंब प्रणाली में शुक्राणु डिंब से मिलकर गर्भाधान करता है।
• जिस पुरुष की अभी शादी हुई हो उसके लिए यह जानना बहुत मुश्किल है कि उसकी पत्नी ने उससे पहले किसी और से संबंध स्थापित किए है या नहीं। डाक्टरी जांच के द्वारा भी इस बात का पता लगाना बहुत मुश्किल है क्योंकि इसकी जांच करवाने का एकमात्र उपाय स्त्री की योनि के अंदर की कुमारीच्छद झिल्ली का उपस्थित होना है लेकिन किसी प्रकार की दुर्घटना या खेलते-कूदते समय शादी से पहले ही यह झिल्ली टूट सकती है।
• स्त्री को संभोग क्रिया में चरम सुख प्राप्त हुआ हो या नहीं लेकिन फिर भी वह गर्भधारण कर सकती है क्योंकि गर्भ के लिए डिंब के साथ शुक्राणुओं का मिलना भी जरूरी है। शारीरिक और मानसिक संतुष्टि से इसका किसी प्रकार का कोई संबंध नहीं है।
• स्त्रियों में भंगाकुर, योनि, स्तन और स्तनों के निप्पल ही सबसे ज्यादा अनुभूतिशील अंग होते हैं। अगर इन अंगों को उत्तेजित किया जाए तो स्त्री के अंदर कुछ ही देर में काम उत्तेजना पैदा हो जाती है।
• अंडकोष सर्दी-गर्मी में तुरंत प्रभावित हो जाते हैं। अंडकोषों का तापमान शरीर के तापमान से कम रहता है क्योंकि शुक्राणु शरीर के तापमान पर जीवित नहीं रह सकते इसलिए शरीर से अलग अंडकोष सुरक्षित रहते हैं।
• अक्सर पुरुष के लिंग आदि को देखकर स्त्री इतनी जल्दी उत्तेजित नहीं होती जितना कि पुरुष स्त्री के स्तनों आदि को देखकर ही उत्तेजित हो जाता है।
• पुरुष के शुक्राणुओं को मौसम के असर से बचाने में अंडकोषों की थैली बहुत मदद करती है। इसलिए गर्मी में य़ह थैली ढीली होकर नीचे लटक जाती है और सर्दियों में सिकुड़ जाती है।
• बहुत से लोग इसी दुविधा में रहते हैं कि संभोग क्रिया कितनी देर तक जारी रहनी चाहिए लेकिन इसके लिए कोई भी समय सीमा निश्चित नहीं की जा सकती क्योंकि हर व्यक्ति अलग-अलग समय तक संभोग क्रिया जारी रख सकता है। ऐसी स्थिति में यह कहना मुश्किल है कि संभोग में एक निश्चित समय ही लगना चाहिए। पति और पत्नी जब काफी समय के बाद एक दूसरे से संभोग करने के लिए तैयार होते हैं तो उस समय पुरुष काफी उत्तेजित होते हैं और संभोग करते समय स्खलित होने में काफी कम समय लेते हैं। लेकिन इसके बाद उसी रात में दूसरी या तीसरी बार संभोग करते समय वह स्खलित होने में काफी समय लेते हैं। कोई भी पुरुष किसी तरह का उत्तेजक सीन आदि देखकर जब संभोग करता है तो ऐसे में वह शीघ्र ही स्खलित हो जाते हैं। बहुत से व्यक्ति संभोग के समय अपनी पत्नी से अश्लील बातें करते हैं और पत्नी से भी चाहते हैं कि वह भी इसी तरह की बातें करें क्योंकि उनके अनुसार ऐसी बातों से उत्तेजना और आनंद बढ़ता है। विद्वानों के अनुसार ऐसी बातों से आमतौर पर उत्तेजना तो अधिक महसूस होती है लेकिन आनंद ज्यादा मिले इसके बारे में पक्के तौर पर नहीं कहा जाता है क्योंकि ज्यादातर पुरुष अपनी उत्तेजना पर काबू नहीं रख पाते और तुरंत स्खलित हो जाते हैं और स्खलन के साथ ही आनंद भी समाप्त हो जाता है।
• संभोग करने के लिए रात सही है या दिन में संभोग क्रिया करना अच्छा रहता है यह बहुत ही जरूरी विषय है। वैज्ञानिकों के अनुसार संभोग करने के लिए दिन का समय अच्छा रहता है लेकिन फिर भी रात के समय ज्यादातर लोग सेक्स करने के पक्ष में रहते हैं क्योंकि दिन तो वास्तव में मनुष्य के कामकाज करने के लिए रहता है और रात सोने तथा दूसरे कामों को करने के लिए। इसके अलावा रात को किसी के द्वारा परेशान करने का डर नहीं रहता तथा दिन में संभोग करने लगो तो ऐसा महसूस होता है कि कोई आकर दरवाजा न खटखटा दें। एक बात और भी है कि रात के समय स्त्री का रूप और आकर्षण बढ़ जाता है जिससे संभोग करने का मजा और बढ़ जाता है। इसके अलावा संभोग के बाद चूंकि स्नायु थकते हैं इसके बाद एक बड़ी प्यारी नींद आती है उस समय काफी समय तक पूरी तरह आराम करना जरूरी होता है और यह सुविधा रात को ही ज्यादा मिल सकती है। इसलिए संभोग करने के लिए देखा जाए तो रात का ही समय सबसे बेहतर रहता है।
• कुछ लोग जैसे ही रात का भोजन करते हैं उसके तुरंत बाद ही वह संभोग करने लग जाते हैं लेकिन यह बात बिल्कुल ही सही नहीं है। भोजन करने और संभोग करने के बीच में कम से कम 2 घंटे का अंतर होना चाहिए क्य़ोंकि भोजन करने के बाद ज्यादातर खून और शक्ति भोजन को पचाने के लिए आमाशय की ओर चला जाता है इसलिए अगर भोजन करने के तुरंत बाद संभोग करने से इस खून और शक्ति को कामेन्द्रियों में आना होगा तो भोजन को पचाने की क्रिया ठीक तरह से नहीं हो पाएगी। भोजन करने के दो घंटे के बाद भोजन आमाशय से निकलकर ऐसी अवस्था में आ जाता है कि उसे ज्यादा खून की जरूरत नहीं रहती है इसी कारण से भोजन करने के कम से कम 2 घंटे के बाद ही संभोग करना चाहिए।
• जैसे-जैसे किसी व्यक्ति की उम्र बढ़ती है वैसे ही उसे एक बात बहुत परेशान करती है कि उनकी उम्र बढ़ने के साथ-साथ सेक्स करने की शक्ति भी घट रही है। प्रकृति हमेशा यह चाहती है कि पुरुष यौवन से लेकर मृत्यु के पूर्व तक संभोग करता रहे क्योंकि अंडकोषों द्वारा मौत से पहले तक शुक्र-कीटों का निर्माण होता रहता है जिससे पुरुष स्त्री डिम्ब को उत्पादक बना सकता है। इसके विपरीत स्त्रियों में यह बात नही होती। स्त्रियां आमतौर पर 45 से 50 साल तक की उम्र तक रजोनिवृत्ति प्राप्त कर लेती हैं अर्थात स्त्री के शरीर में इस उम्र तक डिम्बाणुओं का बनना और मासिकधर्म की क्रिया बंद हो जाती है और उनके गर्भधारण करने की क्षमता समाप्त हो जाती है लेकिन पुरुष तो 70-80 साल की उम्र में भी संभोग करने और संतान पैदा करने में समर्थ माना जाता है। वैसे भी 55-60 साल तक संभोग करना कोई बड़ी बात नहीं है।
संभोग करने की तैयारी-
• पति और पत्नी को जिस दिन संभोग करना हो तो उस दिन उन्हें रात का भोजन जल्दी ही कर लेना चाहिए। इससे संभोग क्रिया के समय पेट भारी-भारी सा नहीं लगेगा।
• संभोग क्रिया करने के लगभग आधे घंटे के बाद नहाना स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत अच्छा रहता है।
• संभोग करने के बाद दूध, जलेबी, खजूर या कुछ मीठे पदार्थ खाने से शरीर में शक्ति पैदा होती है।
• रात के समय भोजन में अचार, खट्टे पदार्थ, भारी भोजन आदि नहीं करने चाहिए क्योंकि यह पदार्थ वीर्य को दूषित और पतला कर देते हैं जिससे वीर्य जल्दी ही निकल जाता है और व्यक्ति को शीघ्रपतन का रोग लग जाता है।
• जब स्त्री का मासिक धर्म आए तो इस दौरान उसके पास नहीं जाना चाहिए क्योंकि इससे किसी तरह का रोग लग जाने का डर रहता है।
सावधानी-
• संभोग करने से पहले स्त्री और पुरुष दोनों को मूत्र त्याग करके आना चाहिए। ऐसा करने से जननेन्द्रियां पूरी तरह प्राकृतिक रूप से काम करती हैं।
• संभोग करने से पहले पानी नहीं पीना चाहिए या प्यास लगने की अवस्था में संभोग नहीं करना चाहिए। संभोग करने के बाद लगभग 15 मिनट तक पानी नहीं पीना चाहिए क्योंकि इससे जुकाम हो सकता है और संभोग शक्ति कम हो सकती है।
• संभोग करने से पहले अफीम, शराब, चरस, कोकीन आदि नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। यह पदार्थ रक्त में उत्तेजना पैदा करके शुरुआत में तो पुरुष की काम-उत्तेजना को तेज करते हैं और स्तंभन शक्ति बढ़ाते हैं लेकिन कुछ समय के बाद दिमाग को इतना कमजोर कर देते हैं कि फिर संभोग क्रिया कर ही नहीं पाता।
• जिस समय संभोग करना हो उस समय मन में किसी तरह की परेशानी या तनाव आदि नहीं रखना चाहिए।
संभोग के लिए सही और गलत अवस्था-
• दिन में संभोग करना किसी भी नजरिये से उचित नहीं रहता है क्योंकि दिन गर्म होता है और आपस में संभोग करने से भी गर्मी पैदा होती है। इसका नतीजा यह होता है कि शरीर में गर्मी पैदा होने का डर रहता है। दिन में संभोग करने से जो संतान पैदा होती है वह पित्त-प्रकृति वाली, गुस्सैल, कठोर स्वभाव की, बेशर्म और कामुक स्वभाव की होती है।
• मासिकधर्म के दिनों में स्त्री के साथ संभोग करने से दूर रहना चाहिए। नई-नवेली दुल्हन शर्म आदि के कारण पति को मासिकधर्म के बारे में नहीं बता पाती है। इसलिए पति के लिए यह जरूरी है कि इस बात का पूरी तरह निश्चय हो जाने के बाद ही संभोग करे जब लगे कि स्त्री का मासिकधर्म बंद हो चुका है।
• जहां तक हो सके एक रात में एक ही बार संभोग करना चाहिए और दूसरी बार संभोग करने के बीच में कम से कम 4-5 दिन का अंतर रखना चाहिए।
• जब यह बात पक्के तौर पर मालूम हो जाए कि स्त्री को गर्भ ठहर गया है तो शुरुआती 3 महीनों तक उसके साथ संभोग नहीं करना चाहिए। इसके बाद चौथे, पांचवे और छठे महीनें में दोनों की इच्छा से और सावधानी से संभोग क्रिया की जा सकती है।
• थकान होने पर, सिर में दर्द होने पर, वीर्य रोग में, जिगर, मूत्राशय, फेफड़े, आंख, मेदा, हृदय और मस्तिष्क में किसी रोग के हो जाने पर संभोग नहीं करना चाहिए।
• बच्चे के जन्म लेने के कम से कम 1.5 महीने तक स्त्री के साथ संभोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इतने समय से पहले स्त्री की बच्चेदानी अपने स्वाभाविक रूप में नहीं आ पाती है।
• अगर स्त्री का मासिकधर्म अनियमित हो, उसे श्वेतप्रदर आने का रोग हो, गर्भाशय टेढ़ा हो या उसे खुजली आदि हो तो उसके ठीक होने तक उसके साथ संभोग नहीं करना चाहिए।
• बच्चे को दूध पिलाने वाली स्त्री के साथ संभोग नहीं करना चाहिए क्योंकि अगर उसे गर्भ ठहर जाता है तो उसका दूध दूषित हो जाता है और जिसको पीने से बच्चे का स्वास्थ्य खराब हो सकता है।
• अगर पुरुष को स्वप्नदोष, प्रमेह या शीघ्रपतन आदि का रोग हो तो उसके साथ स्त्री को संभोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे उसका रोग बढ़ सकता है और स्त्री भी रोगी हो सकती है।
The technique is more important.
Some important things about sex


Pricy-
Sex is a subject about which male or female are all curious. Way to live life the way food, air, water etc. is required in the same way sex is also very important. It is most important to be fully informed about sex, because without the knowledge of any of the work is not successful. In the absence of information about sex if there is any problem and he wants someone like little ant trouble him so he would glance up the mountain. Many people involved with the innocence of the people taken in the wrong way, your money, come, sit wasting time and for life.
Here are some important things we are telling you all know that many misconceptions about your sex (illusion), we could overcome
• When the male penis before intercourse action is fully erect penis that time few drops of fluid from the urethra are released, but many people understand semen semen is not the only juice glands .
• Many people masturbate (Hand Practice) has been used to understand the disease are too large. Some people suffer from the habit of masturbation is imagining that this habit after marriage can cause many kinds of problems. But in fact, masturbation is not a disease nor any other physical or mental impairment. Maturity of the sexual glands in adolescence raises sexual tension. To remove the sexual tension teenagers or youngsters do not see any other way to remove them as sexual tension masturbation as a way to find the best. But here's one thing to say that masturbation is necessary to be done 3-4 times in a month, so just do not have any fear, but if it must be done daily physical and mental disorder in many ways be are.
• before ejaculation during sexual intercourse with a woman in the middle of the penis out of the vagina of the woman or sexual intercourse when changing rugs can be increased slightly.
• Some people sleep at bedtime, which is complained of the ejaculate is called wet dreams. Often young men sit and think it's too big a disease to assume that after the wedding because of the trouble he will not be able to succeed sex. Wet dreams full maturity of the young is caused by sexual glands. Semen from the body begins to become a teenage boy's action. Until marriage before having sex with boy, a girl makes connection is not possible to get the semen why some exits through the emission of semen. In order to move the body in a natural and spontaneous emission process. But emission 3-4 times in a month, so it is a normal action but more so it can cause trouble.
• Premature ejaculation (semen of the male during mating early exits) Many men to understand their great weakness, but it is not a weakness, which can not be overcome. The person with premature ejaculation as well as spiritual healing done sparingly and advice of a professional is also very pleasant.
• thick semen of men or be more evidence that the male parent is capable of becoming pregnant woman is able to accommodate. The most important thing in a woman's womb holding that the number of sperm in the semen of men and he is perfectly healthy and in motion.
• Individuals who are similar to them and water diluted semen is semen disorder disease. In the semen of men who have low sperm count and sperm are not in motion. Such persons are not fully capable of producing offspring.
• If there is a male's semen out through the penis as it is very thick and sticky, but in time the semen is diluted because of water present in the semen after ejaculation sperm are moving for some time but gradually it grew more sedentary animals which semen is diluted.
• How many sperm in ejaculation once you get out of it so far has not been fully realized yet, according to estimates from the 60 to 150 million sperm in ejaculation get.
• Men are erring on the amount of approximately 2 to 5 ml semen comes out.
• the date of the woman giving birth to know the date of her last menstrual coming 3 months and 7 days to go back and add it as the pregnant woman's last menstrual January 20 when her 3-month comes back on October 20th. October 27 at 7 days and then add drops. The next coming October 27 will be the date of the woman giving birth to a child. 2-4 days from the date may fluctuate.
• Often the uterus and ovaries removed after the stimulation of female sex is much less than before, but this deficiency can be overcome by Bngakur received by the excitement. A good sex therapist's advice can be treated by hormones.
• When sex as men feel that it is going to ejaculate her a few moments to take the man's lips tightly to his anus. Ie from the time of ejaculation can be extended sexual intercourse.
• When mating operation by groin pain in the vagina of the woman should not think so narrow that the woman's vagina is tight, but the mouth of the uterus or womb is somehow indicative of the disease.
• intercourse once during the action again after erring man to orgasm than men twice late first wife first intercourse than erring but soon takes to achieve orgasm.
• Every woman either at night or in the dark moonlit night just enjoy intercourse takes action. If the woman is completely certain of his male sex partner finds more support. Similarly, both the men and women receive more Yunanand.
• Women without causing excitement in their sex work perfectly Panhuchaya can not orgasm. It is most important before intercourse Prakkreedha (Four Play) excited by the woman and the sexual act to be completely.
• men's sexual arousal than women rises very rapidly and will disappear rapidly, but the opposite happens with women in their sexual stimulation occurs very slowly but persists long enough .
wants to enter. The sight of the woman is often rises to the vagina should understand what he wants.
• After the end of menstruation often seems to take much interest in female sexual function. Also the female menstrual sexual stimulation is fast.
• Having sex with a much larger than normal size, it can not be said that the sexual act is more lasting. To orgasm penis size is more important than the art and technique of intercourse.
• It is said that if the woman has intercourse with a woman pregnant at the time of menstruation is not justified.
• pregnancy is very important because the system simply ovum ovum ovum sperm in the system consisting of the conception.
• The man's just got married very difficult for him to know that his wife had an affair before it is installed or not. By medical examination to ascertain that it is very difficult to investigate because the only way to be present in a woman's vagina, but the inside of the membrane Kumarichcd play any type of accident or jumping time before the marriage can break the membrane is.
• If the woman had sexual intercourse or orgasm in action but because she is pregnant with the sperm meet the egg to the womb is also important. Physical and mental satisfaction has nothing to do with any of it.
• Women Bngakur, vagina, breast and nipple breasts are the most Anubhutishil part. If these organs to stimulate job sometime in women is generating excitement.
• testicles are immediately affected in the winter-summer. Testes temperature is lower than body temperature, body temperature because sperm can not survive apart from the body, the testicles are protected.
• Seeing a woman often male gender is not so fast as to stimulate the breasts of a woman, etc. are excited to see.
• Men's sperm bearing the season helps prevent testicular sac lot. Bag it be wonderful in the summer is so loose and hanging down and shrinks in winter.
• Many people who live in the same dilemma that sexual activity should continue so long but it can not be fixed any time limit, because each person has different time sex action could continue. In such a situation it is difficult to say that sex should take a certain time. When husband and wife to each other after a long time tend to orgasm and intercourse at that time when men are very excited to be erring take much less time. But then in the second or third time that night when sexual intercourse takes a long time to get it dropped. When any male orgasm is to see some kind of exciting scene etc. then he will soon be dropped. Many people at the time of intercourse with his wife, and the wife of obscene things like that because he said similar things too such things and enjoy the excitement grows. According to scholars such things usually get off so much more comfortable feel, but not sure about it called because most men can not control their excitement and immediately dropped it and become comfortable with ejaculation is finished.
• sexual intercourse in the day or the night's action is better to correct this very important topic. for. Also do not be afraid to upset anyone at night and during the day you feel like sex is the service to someone knocking at the door not. One thing that is night time exploring the female orgasm and increases the fun. After mating, the muscles are tired Also it is a very sweet sleep when it is necessary to rest a long time and it may feature more at night. Therefore be seen to orgasm is the best time of the night.
• Some people like to have dinner soon after it takes to orgasm but that is not true at all. Between food and sex should be a gap of at least 2 hours after a meal Kyhonki most blood to the stomach to digest food and energy goes to sex so soon after the food and the blood would come into force Kamendrion action to digest food properly will not. After two hours of eating food out of the stomach is in such a state that it does not need more blood to why food should be at least 2 hours after intercourse.
• As a person's age is just a thing that is very disturbing to have sex with their aging power is declining. Nature has always wanted men from puberty until death, death by testes before intercourse because the building is the Venus-insect eggs that a woman can make productive. In contrast, women do not have it. Women usually 45 to 50 years old in the body of the female attain menopause age Dimbanuon formation and action of menstruation stops and ends their ability to conceive, but man, 70 sex at the age of 80 and is considered to be able to produce offspring. 55-60 years it is no big deal to have sexual intercourse.
Preparation of sex

No comments:

Post a Comment