Wednesday 18 June 2014

कैसे बचेगा

एक साहूकार के लड़के की जन्मपत्री में यह शब्द पढ़े कि जब शादी होगी, तो शादी होने के बाद इसकी मृत्यु, शेर के द्वारा हो जायेगी । यह सोचकर साहूकार लड़के की शादी नहीं करता । बड़े - बड़े ठिकाने आये । बहुत से लोगों ने कहा कि जन्मपत्री की कोई सारी बात थोड़े ही सिद्ध हुआ करती हैं । तब साहूकार ने विचार करके एक कुलवती लड़की की अपने लड़के के साथ सगाई ले ली और शादी का दिन निश्चय हो गया । फिर भी साहूकार के मन में संदेह था । राजा से सेना बरात के लिये साहूकार ने मंगवाई । सेना की चौदह चौकियों के बीच में, लड़के को शादी के लिये ले गये । शादी बड़े प्रेम से हो गई । उसी प्रकार सेना के बीच में लड़के को ला रहे थे । जब घर में घुसने लगे तो एक सैनिक के पास ढाल थी । उस ढाल के ऊपर शेर का चेहरा बना हुआ था । लड़के की अचानक उस ढाल के ऊपर निगाह पड़ी । उसको वह सच्चा शेर भान हुआ और बोला ~ ‘‘हाय ! बाघ ने खाया ।’’ इतना कहते ही जान निकल गई ।
                                                       सांसारिक अज्ञानीजन, राम से विमुख अपनी रक्षा के लिये बड़े - बड़े किले बनाकर उसमें रहता है । और यह जानता है कि अब मुझे कोई भी शत्रु का डर नहीं है । किन्तु अज्ञानी मनुष्य यह नहीं जानता है कि वह काल - भगवान् तो मेरे भीतर ही है । उससे बचने का निष्काम राम - नाम रूप स्मरण है । उसको तो यह करता नहीं है, तब काल रूप शत्रु से कैसे बचेगा 

No comments:

Post a Comment