Friday 27 June 2014

संतान स्वस्थ होती है

                                            स्वस्थ संतान प्राप्ति के उपाय 
सभी चाहते है की संतान हो और स्वस्थ हो ,संतान हो और अस्वस्थ हो या रहे तो माता-पिता को भरी कष्ट और समस्या होती है ,,संतान के स्वास्थय का काफी कुछ सम्बन्ध दम्पति के स्वयं के शुक्राणुओं अथवा अंडाणुओं के गुणों और शक्ति पर निर्भर करता है ,अगर यह स्वस्थ और सबल हैं तो संतान के स्वस्थ होने और सबल -सुरक्षित स्वास्थय का होने की संभावना बढ़ जाती है ,इसके बाद ही गर्भ की स्थितियां उसके स्वास्थय के लिए जिम्मेदार होती है ,अतः दम्पति के मूल जनन कोशिकाओं [शुक्राणुओं-अंडाणुओं ]का स्वस्थ रहना अति आवश्यक है ,अतः आज के पोस्ट में हम इनको सबल बनाने के कुछ उपायों पर दृष्टि डालते हैं ::
[१] पन्ना रत्न धातु विकार दूर करता है और पुखराज से मूत्र मार्ग और आदि की खराबियां दूर होती हैं ,पन्ना धातु को सबल बनाता है,आतंरिक ताकत उपन्न करता है और पुखराज उत्तेजना और स्थायित्व की वृद्धि करता है अतः इनकी कुंडली में विवेचना करवाकर अगर संभव हो तो इन्हें धारण करना चाहिए ,जब आप संतान के ईच्छुक हों .
[२] एक कटोरी गंगाजल में एक पंचमुखी रुद्राक्ष डाल दें तथा रात भर के लिए इसे रख दें ,प्रातः काल वह पानी पी जाएँ ,इस प्रकार चालीस दिनों तक करने से पुरुष के पुत्रोत्पत्ति में सहायक कोशिकाओं की पुष्टि होती है और संतान उत्पन्न करने में सहायता मिलती है ,,यह रुद्राक्ष का वानस्पतिक-प्राकृतिक और अलौकिक गुण है |
[३] श्वेतार्क की अभिमंत्रित जड़ के टुकड़े को ताबीज या लाल डोरे में कमर में धारण करने से स्त्री की क्षमता में वृद्धि होती है और विभिन्न तरह की समस्याएं और बाधाएं दूर होती हैं जिससे संतान उत्पत्ति की सम्भावना बढ़ जाती है |
[४] पत्नी शुक्रवार को चने की दो रोटी बनाये |उस पर भली भाँती घी लगाये और उसपर कोई भी सूखी सब्जी रखे दोनों रोटियों के बीच |इसके बाद इसे ले जाकर किसी भूखे को अपने सामने खिला दें और कुछ दक्षिणा दे वापस आयें ,स्वस्थ संतान की उत्पत्ति में सहायक है यह टोटका |
[५] अनार वृक्ष की जड़ को दूध में पीसकर उसमे घी मिलाकर स्त्री सेवन करे रात्री में पति संसर्ग पूर्व तो होने वाली संतान स्वस्थ होती है 

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