Friday 30 May 2014

रिश्तो से मोह त्याग कर राम से प्रेम कर

आदत बुरी सुधर लो, बस हो गया भजन
दृष्टि मे तेरी खोट है, दुनिया निहार ले 
गुरु ज्ञान अंजन सार लो, बस हो गया भजन 
आदत बुरी सुधर लो, बस हो गया भजन

दुनिया तुम्हे बुरा कहे, पर तुम करो क्षमा 
वाणी को भी सम्भार लो, बस हो गया भजन 
आदत बुरी सुधर लो, बस हो गया भजन

विषयों की तीव्र आग मे जलता ही जा रहा 
मन की तरंग मार लो , बस हो गया भजन 
आदत बुरी सुधर लो, बस हो गया भजन

रिश्तो से मोह त्याग कर राम से प्रेम कर 
इतना ही मन मे विचार लो, बस हो गया भजन 
आदत बुरी सुधर लो, बस हो गया भजन

जाना है सबको एक दिन दुनिया को त्याग के 
इस जीवन को तुम स्म्बार लो बस हो गया भजन
आदत बुरी सुधर लो, बस हो गया भजन

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