Friday 30 May 2014

हमारे ज्योतिष-शास्त्रों में वर्णन है कि

 हमारे ज्योतिष-शास्त्रों में वर्णन है कि लग्नेश, पंचमेश और नवमेश का नग कोई भी पहिन सकता है। यह पिछले कुछ वर्षों से ही अधिक प्रचलन में आया है कि दशा आदि के अनुसार नग पहिनाए जाएँ । क्योंकि मतों में मूलभूत अंतर है, मैं इस पर कोई अनावश्यक बहस में भी पड़ना नहीं चाहता।
मेष, कर्क, सिंह, वृशिक, धनु और मीन लग्न वाले - मोती, माणिक, मूंगा और पुखराज में से ही , अगर आवश्यक हो तो कोई एक या एक से अधिक नग पहिन सकते है (आवश्यक नहीं कि पहने ही)। इनको नीलम, हीरा, ओपल, सफ़ेद पुखराज,पन्ना, गोमेद व लहसुनिया बहुत ही अच्छे जानकार ज्योतिषी कि सलाह के बिना नहीं पहनना चाहिए।
उपाय - इन लग्नों वाले लोग चाहें और आवश्यक हो तो - शनि के लिए छाया-दान, शुक्रवार को शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाना, इसी दिन दूध, चावल, चीनी अथवा खीर का दान, बुधवार को गाय को हरा चारा, किन्नर को हरे कपड़े का दान, सबूत मूंग पक्षियों को डालना अथवा दान, व राहू-केतू के उपाय आवश्यकतानुसार करने चाहिएँ।
वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुम्भ लग्न वाले आवश्यकतानुसार नीलम, हीरा, ओपल, सफ़ेद पुखराज।पन्ना, गोमेद व लहसुनिया पहिन सकते हैं। इनको मोती, माणिक, मूंगा और पुखराज कभी नहीं पहनना चाहिए।
उपाय - इन लग्नों वाले लोग चाहें और आवश्यक हो तो - सोमवार को शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाना, इसी दिन दूध, चावल, चीनी अथवा खीर का दान, मंगलवार को हनुमान जी के मंदिर में पीले लड्डू अथवा बूंदी का प्रसाद चड़ाना, वीरवार को विष्णु मंदिर में केले अथवा पीले लड्डुओं को चड़ाना, आदि कर सकते हैं।
नोट - जो नग मैंने लिखे हैं, वह लग्नेश, पंचमेश और नवमेश के 6/8/12 भावों में होने पर भी पहिन सकते हैं।

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