Monday 22 September 2014

एक परदेसी मेरा दिल ले गया
जाते जाते मीठा मीठा गम दे गया
कौन परदेसी तेरा दिल ले गया
मोटी मोटी अखियों में आँसू दे गया
मेरे परदेसीयां की यही हैं निशानी
अखियाँ बिलोर की, शीशे की जवानी
ठंडी ठंडी आहों का सलाम दे गया
ढूँढ रहे तुझे लाखों दिलवाले
कर दे ओ गोरी ज़रा आँखों से उजाले
आँखों का उजाला परदेसी ले गया
उस को बुला दू, सामने ला दू 
क्या मुझे दोगी जो तुम से मिला दू 
जो भी मेरे पास था वो सब ले गया

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